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New Delhi नई दिल्ली। (No indexation benefit for property sales) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया.

इस बजट में आयकर मोर्चे पर कुछ बदलावों की घोषणा करते हुए मध्यम वर्ग और नौकरीपेशा लोगों को राहत दी.

इसके अलावा सरकार ने प्रॉपर्टी यानी मकान की बिक्री पर लगने वाले इंडेक्सेशन बेनिफिट को खत्म करने की घोषणा की है.

दरअसल, सरकार ने सभी नॉन फाइनेंशियल एसेट्स में इंडेक्सेशन को पूरी तरह खत्म कर दी है.

नॉन फाइनेंशियल एसेट्स में प्रॉपर्टी, गोल्ड, सिल्वर जैसी चीजें आती हैं.

यानी सरकार ने प्रॉपर्टी की कीमतों को महंगाई से एडजस्ट करने के उपाय को खत्म कर दिया है.

इंडेक्सेशन बेनिफिट खत्म करने का असर यह होगा कि अब अगर आप मकान की बिक्री करते हैं पहले की तुलना में कम फायदा होगा.

कैपिटल गेन टैक्स घटाया, फिर भी नुकसान

हालांकि, सरकार ने लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर लगने वाले टैक्स को 20 फीसदी से घटाकर 12.5 फीसदी कर दिया गया है.

सरकार ने भले ही कैपिटल गेन टैक्स को कम कर दिया है, लेकिन इंडेक्सेशन बेनिफिट को खत्म करने से प्रॉपर्टी खरीद-बिक्री करने वालों की जेब पर कैंची चल गई है.

इसी इस तरह भी समझ सकते हैं. माना कि आपने कोई प्रोपर्टी 10 लाख रुपये में खरीदी. कुछ सालों के बाद आप इसे 20 लाख में बेच रहे हैं.

इस तरह आपने इस प्रॉपर्टी पर 10 लाख का मुनाफा कमाया.

इसे ही कैपिटल गेन कहा जाता है. यानी 10 लाख का आका कैपटल गेन हुआ. इसी कैपिटल गेन पर टैक्स लगता है.

क्या है इंडेक्सेशन बेनिफिट

इंडेक्सेशन बेनिफिट को समझने के लिए सबसे पहले आपको कॉस्ट इन्फ्लेशन इंडेक्स (Cost Inflation Index) को समझना होगा.

यह एक नंबर है जो हर साल बदलता है. यह उस साल की महंगाई को दर्शता है.

इन्हीं नंबरों के बेसिस पर महंगाई मीटर को एडजस्ट किया जाता था.

कैसे निकलता है CII

आयकर विभाग हर साल इंडेक्सेशन बेनिफिट निकालने के लिए एक कॉस्ट इन्फ्लेशन इंडेक्स जारी करता है.

इसका इस्तेमाल लॉन्ग टर्म कैपिटल एसेट की इप्रॉपर्टी की कीमतों को महंगाई से एडजस्ट करने के लिए किया जाता है.

टैक्सेबल कैपिटल गेन का निर्धारण करने के लिए प्रॉपर्टी की बिक्री मूल्य से इन्फ्लेशन-एडजस्टेड एक्विजिशन कॉस्ट को हटा दिया जाता है.

हालांकि, इंडेक्सेशन बेनिफिट केवल खास तरह की एसेट्स पर उपलब्ध है.

सीतारमण ने वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में ग्रामीण विकास के लिए 2.66 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया है.

वहीं, आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए बजट में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए 11.11 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है.

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