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Chandigarh चंडीगढ़। (central government is disrespecting the people of Punjab) पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा राज्य के विकास प्रोजेक्टों से सम्बन्धित समागमों में चुनी हुई राज्य सरकार को नजरअन्दाज कर पंजाब के लोगों के जनादेश का अपमान किया जा रहा है।
पंजाब विधान सभा के सैशन के दौरान संबोधन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री राज्य के सात रेलवे स्टेशनों को अपग्रेड करने के काम का उद्घाटन कर रहे हैं परन्तु बदकिस्मती से पंजाब के लोगों और पंजाब सरकार को इसके लिए न्योता नहीं दिया गया।
उन्होंने कहा कि हैरानी की बात है कि देश के प्रधानमंत्री मीडिया के सामने शोहरत हासिल करने के लिए बहुत नीचे गिर रहे हैं।
भगवंत मान ने कहा कि राज्य के विकास को दिखाने वाले समागमों के इस तरह के राजनीतीकरण से बचना चाहिए क्योंकि यह देश के हित में नहीं है, उन्होंने कहा कि यह अपनी सरकार चुनने वाले तीन करोड़ लोगों के जनादेश का घोर अपमान है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश की शीर्ष लीडरशिप ‘कार्यों का सेहरा’ लेने के लिए ऐसे ओछे उधेड़-बुन में उलझी हुई है।
उन्होंने कहा कि राज्य के लोग बहुत बुद्धिमान हैं और वह अच्छी तरह से जानते हैं कि ज़मीनी स्तर पर केंद्र सरकार द्वारा उनके लिए कुछ भी ठोस नहीं किया गया।
भगवंत मान ने कहा कि अब जब मतदान नज़दीक आ रेह हैं तो लोगों को गुमराह करने के लिए तरह-तरह के हत्थकंडे इस्तेमाल किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मोदी सरकार पंजाब विरोधी खबत का शिकार रही है, जिस कारण वह राज्य को बर्बाद करने पर तुली हुई है।
भगवंत मान ने राज्य के साथ सौतेली माँ वाला सलूक करने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि यह ग़ैर-वाजि़ब है।
उन्होंने आर.डी.एफ. और एन.एच.एम. के फंड रोकने के लिए केंद्र सरकार की निंदा की, जिससे राज्य के विकास में रोड़े बिछाऐ जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से आठ हज़ार करोड़ रुपए से अधिक के फंडों को गलत तरीके से रोका गया है, जो राज्य के साथ सरासर नाइन्साफी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार लोगों की भलाई के लिए लगातार प्रयास कर रही है, जिसके लिए बड़े स्तर पर कदम उठाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य के इतिहास में पहली बार लोगों की भलाई के लिए लोगों के साथ सलाह-मश्वरा कर नीतियाँ बनाईं जा रही हैं।
भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार की तरफ से पंजाब के कोने-कोने का दौरा कर समाज के अलग-अलग वर्गों के साथ मीटिंगें की जा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले सरकार-किसान मिलनी की कार्यवाहियाँ की गई थीं, जिसके बाद किसानों के साथ सलाह-मश्वरा करके राज्य की खेती के बारे में रूप-रेखा बनायी गई थी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार व्यापारियों और उद्योगपतियों के लम्बित मसलों को हल करने के लिए सरकार-व्यापार मिलनी करवा रही रही है।
भगवंत मान ने व्यापारियों से प्राप्त सुझावों के अनुसार राज्य सरकार की तरफ से व्यापारियों के हितों की रक्षा के लिए कई अहम फ़ैसले लिए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सेहत बीमा स्कीम के लाभों में वृद्धि करने की व्यापारियों की माँग के मद्देनजऱ राज्य सरकार ने मौजूदा एक करोड़ रुपए की बजाय दो करोड़ रुपए तक का कारोबार करने वाले व्यापारियों को इस स्कीम का लाभ देने का फ़ैसला किया है।
उन्होंने कहा कि इससे राज्य के एक लाख से अधिक व्यापारियों को फ़ायदा होगा क्योंकि वह इस स्कीम के अंतर्गत 5 लाख रुपए तक का मुफ़्त इलाज करवा सकेंगे।
भगवंत मान ने कहा कि यह लोगों की सरकार है और लोगों की भलाई के लिए अथक मेहनत कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने एक और ऐतिहासिक पहल करते हुए ‘सरकार आप दे दुआर’ स्कीम शुरू की है, जिसका उद्देश्य सरकार को लोगों के दरवाज़े पर पहुंचाना है।
उन्होंने कहा कि पहले सरकारें चंडीगढ़ से चलती थीं परन्तु अब गाँवों से चलाई जा रही हैं।
भगवंत मान ने कहा कि इसका एकमात्र उद्देश्य सरकारी दफ़्तरों में बैठकर काम चलाने के पुराने रुझान की बजाय अफ़सरों को फील्ड में भेजकर लोगों के कामकाज को सुनिश्वित बनाना है।
मुख्यमंत्री ने अपने निजी हितों के लिए राज्य के पैसों को बेरहमी से लूटने के लिए राज्य की पिछली सरकारों की आलोचना की।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का कार्यभार संभालने के बाद एक-एक पैसा राज्य के विकास और लोगों की भलाई के लिए खर्चा जा रहा है।
भगवंत मान ने कहा कि उनकी सरकार ने सरकारी खजाने में होने वाली लूट की चोर छेदों बंद कीं, जिससे यह यकीनी बनाया जा सके कि लोगों की भलाई के लिए एक-एक पैसा समझदारी के साथ खर्चा जाये।
मुख्यमंत्री ने सभी राजनैतिक पार्टियों को भरोसा दिलाया कि राज्य में आने वाली चुनावों के मद्देनजऱ उन सभी को उचित सुरक्षा मुहैया करवाई जायेगी।
उन्होंने कहा कि हर पार्टी को लोगों से वोटें मांगने का जायज़ हक है और राज्य सरकार सुरक्षा और सुखद माहौल को यकीनी बनाकर सभी को बराबरी का माहौल प्रदान करने के लिए पूरी तरह वचनबद्ध है।
भगवंत मान ने समूह राजनैतिक पार्टियों को भी अपील की कि वह वोटरों का सांप्रदायिक आधार पर ध्रुवीकरण करने की घटिया चालों में शामिल न होकर फूट-डालो राजनीति के एजंडे से दूर रहें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाली मतदान लोकतंत्र का त्योहार है और सभी राजनैतिक पार्टियाँ और लोगों को इसमें पूरे जोश के साथ हिस्सा लेना चाहिए।
राजनैतिक विरोधियों को शुभकामनाएँ देते हुए उन्होंने आशा अभिव्यक्त की कि यह मतदान देश के महान स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को साकार करने के लिए बेहद सहायक होंगी।
भगवंत मान ने कहा कि वह राजनीति में नैतिकता के मुदई हैं और राजनैतिक पार्टियों को एक-दूसरे के विरुद्ध कीचड़ उछालने और निजी हमले करने से गुरेज़ कर मतदान में डटना चाहिए।
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