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Chandigarh चंडीगढ़(ed arrest congress former punjab ministers sadhu singh dharamsot) पंजाब के पूर्व मंत्री साधु सिंह धर्मसोत को ईडी ने अरेस्ट कर लिया है।

साधु सिंह धर्मसोत पर जंगलात विभाग में हुए करोड़ो के घोटाले को लेकर ईडी ने एक्शन लिया है।

केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी की टीम ने यह गिरफ्तारी फॉरेस्ट घोटाला मामले में की है.

बता दें क‍ि 30 नवंबर को ईडी ने पंजाब सरकार के दो पूर्व मंत्र‍ियों साधु स‍िंह धर्मजोत और संगत सिंह समेत कई अन्य आरोपियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन को अंजाम द‍िया था.

बताया जा रहा है क‍ि जांच एजेंसी ने पंजाब में वन विभाग में हुए करोड़ों रुपये के फर्जीवाड़े के मामले में यह ग‍िरफ्तार की है.

बता दें क‍ि 30 नवंबर को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) एक्‍ट के प्रावधानों के तहत जालंधर कार्यालय से ईडी टीमों द्वारा पंजाब की14 लोकेशन पर छापेमारी की गई थी.

यह छापेमारी 63 वर्षीय धर्मसोत, वन ठेकेदार हरमिंदर सिंह हम्मी और प्रेस रिपोर्टर कमलजीत सिंह सहित कुछ अन्य लोगों के परिसरों पर तलाशी की गई थी. आरोप था क‍ि पूर्व मंत्री रिश्वत वसूल रहे थे.

आय से अध‍िक संपत्‍त‍ि रखने के मामले में हो चुके है ग‍िरफ्तार

2023 की शुरुआत में पांच बार के विधायक धर्मसोत पर आय से अधिक संपत्ति रखने के कथित मामले में पंजाब सतर्कता ब्यूरो (वीबी) द्वारा दो भारतीय वन सेवा (आईएफएस) अधिकारियों के साथ गिरफ्तार किया गया था.

बता दें क‍ि प‍िछले साल नवंबर में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों के साथ ईडी की एक टीम ने होशियारपुर जिले के टांडा सब डिवीजन में गिलजियन के पैतृक गांव स्थित घर पर छापा मारा था.

कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान धर्मसोत के बाद राज्य के वन मंत्री बने गिलजियान के घर पर भी छापेमारी हुइ थी.

आप सरकार धर्मसोत को जेल में डाल चुकी है

धर्मसोत पहले पूर्व मंत्री थे जिन्हें भगवंत मान के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में डाला था.

ईडी के एक अधिकारी ने कहा था क‍ि आरोपी द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग के बारे में पूछताछ जारी है. उन्होंने कहा कि अमलोह, खन्ना और मोहाली में धरमसोत की संपत्तियों की तलाशी चल रही है.

ईडी ने वीबी से दस्तावेज लिए हैं, जिसने घोटाले की जांच की थी और पूर्व मंत्री और अधिकारियों के खिलाफ दो मामले दर्ज किए थे.

क्‍या है आरोप

वन विभाग के ठेकेदार हरमिंदर सिंह हम्मी ने भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 27 के तहत दर्ज एक बयान में कहा था कि वह 2017 से समय-समय पर वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों, राजनीतिक नेताओं और उनके सामने वालों को दी गई रिश्वत पर एक डायरी रख रहे हैं.

उसके पास से डायरी बरामद हुई. इस डायरी की जांच से उस रैकेट का पता चला जिसके कारण गिरफ्तारियां हुईं.

ठेकेदार ने कहा था कि उसने खैर के पेड़ काटने के लिए धर्मसोत को प्रति पेड़ 500 रुपये का भुगतान किया था.

उन्होंने अक्टूबर-मार्च सीज़न के लिए लगभग 7,000 पेड़ों को काटने के लिए परमिट प्राप्त किया, जिसके लिए उन्होंने प्रति पेड़ 1,000 की रिश्वत दी थी, जिसमें धरमसोत को 500, प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) को 200 और रेंज को प्रत्येक को 100 शामिल थे.

धर्मसोत को डीएफओ के ट्रांसफर के लिए 10 लाख से 20 लाख, फॉरेस्ट रेंजर के लिए 5 लाख से लेकर 8 लाख, ब्लॉक ऑफिसर के लिए 5 लाख और ब्लॉक अधिकारी के लिए 2 लाख से 3 लाख की रिश्वत मिलती थी.

सूत्रों ने कहा कि वन रक्षक अपने विशेष कर्तव्य अधिकारी (ओएसडी) चमकौर सिंह और रिपोर्टर कमलजीत सिंह के माध्यम से र‍िश्‍वत देते थे.

उन्होंने बताया कि वन मंत्री के रूप में अपने तीन साल के कार्यकाल के दौरान धर्मसोत ने अपने ओएसडी के माध्यम से खैर के पेड़ों को काटने के लिए परमिट जारी करने के बदले में 1 करोड़ रुपये एकत्र किए.

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