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Ludhiana लुधियाना। (punjab cm bhagwant mann open debate mai punjab bolda ha) पंजाब के सीएम भगवंत मान द्वारा बुलाई गई ओपन डिबेट में किसी भी विपक्षी पार्टी का नेता नहीं पहुंचा। स्टेज पर लगी सभी राजनीतिक दलों के नेताओँ की कुर्सियां खाली दिखीं।

विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता अपने घरों में बैठे ट्वीट करते रहे, लेकिन कोई भी सीएम के फेस टू फेस होने की कोशिश तक नहीं की।

बता दें कि कुछ दिन पहले सीएम भगवंत मान ने पंजाब के मुद्दों पर बातचीत करने के लिए ओपन डिबेट का ऐलान किया। मैं पंजाब बोलदा हां डिबेट में कांग्रेस, भाजपा, अकाली दल के नेताओं को सार्वजनिक तौर पर न्यौता दिया गया।

पंजाबवासियों की आस थी कि पहली बार हो रही इस ओपन डिबेट में पंजाब हित में कई मुद्दों पर चर्चा होगी, लेकिन सीएम भगवंत मान के अतिरिक्त कोई भी नेता वहां नहीं पहुंचे।

पंजाब में लुधियाना स्थित पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के ऑडिटोरियम में CM भगवंत मान की महा डिबेट हुई।

‘मैं पंजाब बोलदा हां’ के नाम से इस डिबेट में राज्य की सभी बड़ी पार्टियों जिनमें कांग्रेस के पंजाब प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग, पंजाब विधानसभा में विपक्षी दल कांग्रेस के नेता प्रताप सिंह बाजवा, अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल और भाजपा के पंजाब अध्यक्ष सुनील जाखड़ को न्यौता दिया गया।

इन चारों के लिए ऑडिटोरियम में कुर्सियां भी लगाई गई। हालांकि इनमें से कोई भी डिबेट में नहीं आया। अब यहां लगी 5 कुर्सियों में से एक पर सिर्फ भगवंत मान बैठे हुए हैं।

सीएम मान ने कहा कि इन खाली कुर्सियों का क्या करें। ऐसी डिबेट के लिए न्योता देना जिगर का काम होता है।

पहली बार ये सभी पार्टियां सत्ता से बाहर हैं। इनसे सवाल पूछना बनता है। अगर मैं कुछ गलत करूंगा तो 20 साल बाद अगली पीढ़ी मुझसे पूछेगा कि ये क्या किया।

जो पंजाब की पिछली सरकारों के किए कामों के बारे में बता रहे हैं। सीएम भगवंत मान ने पहले पांच मुद्दे SYL, ट्रांसपोर्ट, पंजाब पर कर्जा, रोजगार व इंडस्ट्री निवेश पांच मुद्दों पर विपक्षी दलों को घेरा। इसके बाद AAP के फ्यूचर प्लान बताने शुरू किए।

1.79 स्मॉल स्केल इंडस्ट्री की रजिस्ट्रेशन पंजाब में हुई

सीएम भगवंत मान ने कहा कि पहली सरकारों ने नौकरियां निकाल नियुक्ति पत्र दिए। फिर चुनाव हुए और सरकारें बदल गई। नियुक्ति पत्र लेकर भी नौकरियां नहीं ले सके। अब आप सरकार नौकरियां दे रही हैं।

वहीं पंजाब इंडस्ट्री की तरफ भी खास ध्यान दे रही है। सिर्फ 18 साल में हम 56796 करोड़ का निवेश लेकर आए। जबकि बीते पांच सालों में ये 1.17 लाख और उससे पहले 2013 से 2017 तक 32995 करोड़ रुपए था।

पंजाब के खजाने पर कर्जा 2012 से बढ़ना शुरू हुआ

सीएम मान ने कहा कि पंजाब के खजाने पर कर्जे का बोझ 2012 में डलना शुरू हो गया था। 2012 में 83099 करोड़ का कर्जा था, जो अब 3.14 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। कई पुरानी अदायगियां छोड़ी गई। जिसे अब धीरे-धीरे वापस किया जा रहा है।

टोल प्लाजा खोल जनता पर बोझ डाला

सीएम भगवंत मान ने दूसरा मुद्दा ट्रांसपोर्ट का उठाया। सीएम मान ने अकाली दल की कुर्सी की तरफ इशारा करते हुए बताया कि इन्होंने गलत तरीकों से अपने रूट लिए।

31-31 किमी का रूट बढ़ाते बढ़ाते दूर-दूर तक पहुंच गए। दिल्ली एयरपोर्ट से प्राइवेट बसें चलती थी। 3500 रुपए किराया लिया जाता था। आप सरकार ने बसें चलाई और 1100 रुपए में दिल्ली एयरपोर्ट से बसें चलाई।

वहीं कांग्रेस व अकाली दल के समय टोल प्लाजा बने। ये टोल प्लाजे पहले बंद हो सकते थे, लेकिन इनकी तारीखें बढ़ाते रहे। आप ने सरकार के आने के बाद 14 टोल प्लाजे बंद करवाए गए।

CM बोले- SYL नहीं, YSL बनाई जाए

सीएम ने पहला मुद्दा SYL का उठाया। जिसकी वह बकायदा सलाइड बनाकर लाए। जिसमें अभी तक के SYL को लेकर लिए गए फैसलों की बात की गई है।

वहीं, पंजाब मुद्दों पर एक बुकलेट भी छपवाई है। सीएम ने कहा कि आज तक AAP सरकार SYL के मुद्दे पर तीन बार सुप्रीम कोर्ट गई है।

उन्होंने एक बार भी कोई हलफनामा दाखिल नहीं किया, बल्कि उर्जा मंत्री शेखावत से मिलने पहुंचे थे और SYL का पानी देने से मना किया।

उन्होंने केंद्रीय मंत्री शेखावत को सुझाव दिया कि इस सतलुज यमुना नहर को यमुना सतलुज नहर (YSL) बना दिया जाए।

सतलुज में अब पानी नहीं बचा। यमुना में अभी भी पानी है और उस पानी को हरियाणा और पंजाब को दिया जाए।

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