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Jalandhar जालंधर। (orthonova Hospital Dr Harprit Singh underwent knee operation without stitches) घुटने बदलने का ऑपरेशन हो… और न तो रक्त रिसाव हो, न ही कोई टांका लगे, न पट्टी हो और मरीज स्वस्थ हो जाए…. है न हैरानी वाली बात। लेकिन ये बिल्कुल सच है।

अपनी विलक्षण और अभूतपूर्व प्रतिभा से चिकित्सा जगत को हैरान, परेशान करने वाले आर्थोनोवा अस्पताल के डाक्टर हरप्रीत सिंह ने अब आधुनिक तकनीक से घुटने बदलने के ऑपरेशान शुरू कर दिए हैं।

डाक्टर हरप्रीत सिंह ने बिना टांके के घुटने बदलने की आधुनिक तकनीक से शत प्रतिशत सफल ऑपरेशन भी किए हैं।

बता दें कि लगभग दो दशक पहले तक घुटने बदलने के ऑपरेशन में रक्त रिसाव होता, टांके लगते, कई कई दिन मरीज़ बैड पर रहता। लेकिन समय के साथ साथ डाक्टर हरप्रीत सिंह ने दूर देशों में जाकर नई तकनीक की जानकारी ली और यहां के मरीजों को लाभ दिया।

आधुनिक तकनीक के बारे में बातचीत करते हुए डाक्टर हरप्रीत सिंह ने बताया कि अब घुटने बदलने के ऑपरेशान में न तो रक्त रिसाव होगा और न ही कोई टांका लगेगा। टांका नहीं लगेगा तो कई कई दिन तक बैंडेज (पट्टी) करने की जरूरत भी नहीं है।

डाक्टर हरप्रीत सिंह ने बताया कि घुटने के ऑपरेशान के बाद पहले स्टिच लगाए जाते थे। लेकिन अब आधुनिक लेज़र तकनीक से जख्म को सील कर दिया जाता है।

जिससे टांके की जरूरत नहीं पड़ती और न ही रोजाना पट्टी बदलने की। एक और बड़ा फायदा ये है कि ऑपरेशन के बाद मरीज को बार बार अस्पताल आने की जरूरत नहीं होगी।

एक सवाल के जवाब में डाक्टर हरप्रीत ने बताया कि इस नई तकनीक से सफल ऑपरेशन कर चुके हैं।

इन मरीज़ों को मिला लाभ

डाक्टर हरप्रीत सिंह द्वारा इस आधुनिक तकनीक से ग्रीस से आए सुखविन्द्र सिंह और पंजाब के जीरा निवासी महिला वरिन्द्रजीत कौर का ऑपरेशन किया है।

अस्पताल में स्वास्थ्य लाभ ले रहे ग्री से आए सुखविन्द्र सिंह ने बताया कि वे कई सालों से घुटने के दर्द से परेशान थे। उन्होने ग्रीस में और यहां पर कई डाक्टरों से परामर्श किया। लेकिन ज्यादा सैटिसफाई नहीं हुए।

कुछ दिन पहले आर्थोनोवा अस्पताल के डाक्टर हरप्रीत सिंह से मुलाकात हुई और नई तकनीक का पता चला तो वे राज़ी हो गए।

डाक्टर हरप्रीत द्वारा नई तकनीक पर संतोष व्यक्त करते हुए सुखविन्द्र सिंह ने कहा कि डाक्टर हरप्रीत ने उन्हें नया जीवन दिया है। सबसे बड़ी बात ये है कि ऑपरेशन के दूसरे ही दिन वे खुद को बिल्कुल स्वस्थ फील कर रहे हैं। अब वे जल्द ही अपने काम पर लोटेंगे।

इसी प्रकार जीरा निवासी महिला वरिन्द्रजीत कौर ने भी इस नई तकनीक से ऑपरेशन करवाया है। वरिन्द्रजीत कौर का कहना है कि ऑपरेशन से पहले वे बेहद डरी हुई थी। उन्हें विश्वास नहीं था कि बिना रक्त रिसाव और बिना टांके के ऑपरेशन भी हो जाएगा और वे अगले ही दिन चल भी पाएंगी।लेकिन डाक्टर हरप्रीत सिंह जो कहा वही किया।

 

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