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New Delhi नई दिल्ली(GST council 52nd meeting FM Nirmal sitaraman) केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आज दिल्ली में GST काउंसिल की 52वीं बैठक हुई. बैठक में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से वित्त मंत्रियों ने भी भाग लिया.

इस बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए हैं. जीएसटी काउंसिल ने शीरा यानी गुड़ पर जीएसटी 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी करने का फैसला किया.

काउंसिल ने पीने योग्य एल्कोहल (शराब) पर कर से छूट दी है. छत्तीसगढ़ के उप-मुख्यमंत्री और जीएसटी काउंसिल के सदस्य टी एस सिंह देव ने कहा कि औद्योगिक प्रयोग के लिए अतिरिक्त तटस्थ एल्कोहल (ईएनएल) पर जीएसटी लगता रहेगा.

जीएसटी काउंसिल की 52वीं बैठक के बाद टी एस सिंह देव ने मीडिया के लोगों से कहा, “पीने वाले एल्कोहल (ईएनए) को मानवीय इस्तेमाल पर जीएसटी से छूट दी जाएगी और इसकी जानकरी देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीट कोर्ट को दी जाएगी.

उन्होंने कहा कि गन्ने से बनने वाले और एल्कोहल के लिए कच्चे माल की तरह इस्तेमाल किए जाने वाले शीरा (गुड़) पर जीएसटी की दर 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी की जानी है.

इसके साथ ही एक और बड़े फैसले में मोटे अनाज यानी मिलेट्स के आटे से बने खाद्य पदार्थों पर जीएसटी दरों को मौजूदा 18 फीसदी घटाकर 5 फीसदी करने का निर्णय लिया गया है.

जबकि 70 फीसदी मिलेट्स कंपोजिशन वाले मिलेट्स के आटे पर अब कोई जीएसटी नहीं लगाने का निर्णय लिया गया है.

बिना ब्रांडिंग मिलेट पर जीएसटी नहीं लगेगा

वित्त मत्री ने कहा कि वजन के हिसाब से कम से कम 70 फीसदी कंपोजिशन वाले मिलेट्स के आटे से फूड तैयार करने पर बिना ब्रांडिंग के खुले में बेचे जाने पर शून्य जीएसटी लगेगा.

जबकि ब्रांडेड, प्री-पैकेज्ड और लेबल वाले मिलेट्स के आटे पर जीएसटी 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है.

मिलेट्स के आटे से बने खाद्य पदार्थों पर जीएसटी दर कम करने का सरकार का उद्देश्य इसकी सार्वजनिक पहुंच बढ़ाना है.

मोलेसेज पर जीएसटी 5 फीसदी

जीएसटी काउंसिल ने मोलेसेज (Molasses) पर जीएसटी को 28 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी करने का फैसला लिया है.

जीएसटी काउंसिल की 52वीं बैठक के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा हमें उम्मीद है कि इससे गन्ना किसानों को फायदा होगा और इससे उनका बकाया तेजी से चुकाया जा सकेगा.

काउंसिल और हम सभी को लगता है कि इससे पशु आहार के निर्माण की लागत में भी कमी आएगी.

इसके अलावा मानव उपभोग (human consumption) के लिए डिस्टिल्ड अल्कोहल को लेवी से छूट देने का भी निर्णय लिया. काउंसिल ने निर्णय लिया कि इंडस्ट्रियल इस्तेमाल के लिए एक्स्ट्रा न्यूट्रल अल्कोहल (ENA) पर जीएसटी लगता रहेगा.

ENA पर टैक्स लगाने का अधिकार राज्यों को सौंपा

एक्स्ट्रा न्यूट्रल अल्कोहल (ENA) पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा “जीएसटी काउंसिल ने आज ईएनए पर टैक्स लगाने का अधिकार राज्यों को सौंप दिया है. यदि राज्य इस पर टैक्स लगाना चाहते हैं, तो उनका ऐसा करने के लिए स्वागत है.”

भारत के अटॉर्नी जनरल ने कहा था कि ईएनए पर टैक्स लगाने का जीएसटी काउंसिल का अधिकार अच्छी तरह से स्थापित है.

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि राज्यों को औद्योगिक उपयोग के लिए ईएनए पर टैक्स लगाने का अधिकार नहीं है.

 

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