Prabhat Times

New Delhi नई दिल्ली। (rbi governor announces no change in repo rate again) बैंक के कर्जदारों के लिए बड़ी खबर है। आरबीआई ने रेपो रेट जस का तस रखने का ऐलान किया है। जिससे स्पष्ट है कि न तो बैंक लोन की ईएमआई बढ़ेगी और न ही कम होगी।

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने तीन दिवसीय मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक (MPC Meeting) में लिए गए फैसलों का ऐलान कर दिया है और इस बार भी केंद्रीय बैंक ने लोन लेने वाले ग्राहकों को बड़ी राहत दी है.

हालांकि, इस फेस्टिव सीजन में लोगों ने रेपो रेट में कटौती की जो आस लगाई थी वो जरूर टूटी है.

देश में महंगाई दर आरबीआी के तय दायरे से ऊपर होने के बावजूद नीतिगत दरों यानी Repo Rate को यथावत रखने का फैसला किया गया है.

मतलब Loan EMI में कोई बदलाव नहीं होगा. ये लगातार चौथी बार है जबकि रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला किया गया है.

रेपो रेट में बदलाव नहीं किया जाना दिखाता है कि आरबीआई अभी महंगाई के स्तर को लेकर संतोषजनक स्थिति में दिख रहा है.

6.50% पर स्थिर रखा रेपो रेट

Repo Rate फिलहाल, 6.50 फीसदी है और एक्सपर्ट पहले से इसके स्थिर रहने की उम्मीद जता रहे थे.

बीते साल केंद्रीय बैंक ने चरम पर पहुंची महंगाई दर को काबू में करने के लिए एक के बाद कई बार इस दर में बढ़ोतरी की थी. मई 2022 में Repo Rate 4 फीसदी पर था, जो फरवरी 2023 आते-आते 6.50 फीसदी पर पहुंच गया था.

हालांकि, इसके बाद से ये यथावत रखा गया है. शक्तिकांत दास ने कहा कि दुनिया में चुनौतियों के बावजूद भारत ग्रोथ इंजन बना हुआ है.

देश में महंगाई दर की बात करें तो ये RBI के तय दायरे से बाहर बनी हुई है. बीते जुलाई 2023 की तुलना में अगस्त महीने में इसमें गिरावट देखने को मिली थी.

गौरतलब है कि जुलाई महीने में खुदरा महंगाई दर (CPI) 7.44 फीसदी के स्तर पर थी, जो कि अगस्त महीने में घटकर 6.83 फीसदी पर आ गई थी. यहां बता दें कि केंद्रीय बैंक ने देश में महंगाई दर को 2 से 6 फीसदी के दायरे में रखने का लक्ष्य तय किया है.

Repo Rate को इस तरह समझें

Repo Rate वो दर होती है, जिसपर रिजर्व बैंक अन्य बैंकों को कर्ज देता है. इसलिए जब रेपो रेट में इजाफा होता है, तो बैंकों को रिजर्व बैंक से महंगी दर पर कर्ज मिलता है.

इस वजह से आम लोगों को मिलने वाला लोन भी महंगा हो जाता है और उनके Loan की EMI भी बढ़ जाती है.

रिजर्व बैंक महंगाई दर पर काबू पाने के लिए रेपो रेट बढ़ाता है और लोन महंगे हो जाते हैं. लोन महंगा होने से इकोनॉमी में कैश फ्लो में गिरावट आती है.

इससे डिमांड में कमी आती है और महंगाई दर घट जाती है. रेपो रेट के अलावा एक होता है रिवर्स रेपो रेट.

रिवर्स रेपो रेट वो दर होती है, जिसके अनुसार रिजर्व बैंक अन्य बैंकों को डिपॉजिट पर ब्याज देता है.

Whatsapp ग्रुप से जुड़ने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें

Join Whatsapp Link for Latest News

खबर ये भी हैं…


Subscribe YouTube Channel

Prabhat Times

Click to Join Prabhat Times FB Page

https://www.facebook.com/Prabhattimes14/

Join Telegram

https://t.me/prabhattimes1