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जालंधर। (Patients from abroad coming for endoscopic spine surgery: Dr. Trivedi) टेक्नोलॉजी ने स्पाइन सर्जरी को डे-केयर सर्जरी बना दिया है। इंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी को स्टिचलैस सर्जरी भी कहते है जोकि बिना बेहोश किये की जाती है।
ऑपरेशन के दौरान मरीज और सर्जन बात करते रहते हैं। जोकि स्टिचलैस स्पाइन सर्जरी के लिए जरुरी भी है।
स्पाइन मास्टर्स यूनिट वासल अस्पताल जालंधर के सीनियर इंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जन डॉ. त्रिवेदी ने बताया कि पूरे भारत से इंडोस्कोपिक सर्जरी के लिए उनके पास मरीज आ रहे हैं चूँकि इसकी महारत देश में कुछ गिने चुने सर्जन के पास ही है।
इसलिए न केवल पूरे भारत बल्कि विदेशों से भी मरीज आ रहे हैं। सालेह हुसैन जोकि 39 वर्ष के हैं, ने यमन मिडिल ईस्ट से आकर स्टिचलैस स्पाइन सर्जरी डॉ त्रिवेदी से करायी।
डॉ, त्रिवेदी ने बताया कि सालेह हुसैन के दो मनके खराब थे लेकिन तीसरे और चौथे मनके के बीच की डिस्क ज्यादा खराब थी जोकि दूरबीन इंडोस्कोप से ऑपरेशन करके नाड़ को फ्री कर दिया गया।
डॉ त्रिवेदी ने बताया कि मरीज केवल अरबी बोल सकता है, इंग्लिश भी नहीं। मगर मोबाइल लैंग्वेज ट्रांसलेटर की मदद से ऑपरेशन के दौरान सर्जन व मरीज बात करते रहे और ऑपरेशन पूरा किया गया।
डॉ. त्रिवेदी ने बताया कि केवल 7 mm के चीरे से होती है इंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी और मरीज तुरंत चलना शुरू कर देता है। चूँकि ऑपरेशन बिना बेहोश किये होता है तो ट्रांसलेटर काफी सहायक रहा।

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