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नई दिल्ली। (disproportionate assets case special cbi court sentences former cm) हरियाणा के पूर्व सीएम ओम प्रकाश चौटाला को सीबीआई कोर्ट ने आय से अधिक मामले में चार साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही कोर्ट ने चौटाला पर 50 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने चौटाला की चार संपतियों को जब्त करने के निर्देश भी दिए हैं।
आय से ज्यादा संपत्ति के मामले में दोषी करार दिए गए हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के खिलाफ मामला अदालत में चल रहा था. स्पेशल जज विकास धुल ने उन्हें 21 मई को प्रिवेन्शन ऑफ करप्शन एक्ट की अलग-अलग धाराओं के तहत दोषी करार दिया था. दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई.
सीबीआई ने चौटाला को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की है. वहीं, चौटाला के वकील ने उनकी खराब सेहत और अच्छे बर्ताव के लिए सजा में नरमी बरतने की अपील की थी.
उनके वकील ने अदालत में कहा था कि चौटाला को फेफड़े में इन्फेक्शन है और वो खुद से अपने कपड़े भी नहीं बदल सकते. उन्हें चलने-फिरने के लिए एक व्यक्ति की जरूरत पड़ती है.
आय से ज्यादा संपत्ति का मामला क्या है?
26 मार्च 2010 को सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में बताया था कि 24 मई 1993 से 31 मई 2006 तक अपने पद पह रहते हुए आय से ज्यादा संपत्ति कमाई.
सीबीआई के मुताबिक, उनके पास 6.09 करोड़ रुपये की संपत्ति ऐसी थी, जिसके सोर्स का उनके पास कोई सबूत नहीं था. चौटाला के पास आय से 189.11% संपत्ति ज्यादा थी.
चौटाला के खिलाफ प्रिवेन्शन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जांच शुरू की थी. ED ने बताया था कि पद पर रहते हुए चौटाला ने आय से ज्यादा कमाई की और उसका इस्तेमाल संपत्तियां खरीदने में किया.
2019 में ED ने चौटाला की 3.68 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क कर ली थी. उनका नई दिल्ली, पंचकूला और सिरसा में स्थित फ्लैट, एक प्लॉट और जमीन को जब्त कर लिया गया था. जनवरी 2021 में स्पेशल जज विकास धुल ने उनके खिलाफ आरोप तय किए थे.
पहले भी भ्रष्टाचार के मामले में हो चुकी है सजा
इससे पहले चौटाला को 22 जनवरी 2013 को जेबीटी टीचर्स भर्ती घोटाले में सजा हो चुकी है. इस घोटाले के मामले में उन्हें भ्रष्टाचार और आपराधिक साजिश के तहत दोषी करार दिया गया था.
भर्ती घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में उन्हें 7 साल और आपराधिक साजिश के मामले में 10 साल की सजा हुई थी.
इस मामले ओम प्रकाश चौटाला के अलावा उनके बड़े अजय चौटाला और 53 अन्य लोगों को दोषी करार दिया गया था. कुल 55 लोग दोषी साबित हुए थे.
जेबीटी टीचर्स भर्ती घोटाला 2000 में आया था. ये मामला 3,206 टीचर्स की गैर-कानूनी तरीके से हुई भर्ती से जुड़ा था. पिछले साल 2 जुलाई को सजा पूरी होने के बाद चौटाला रिहा हुए थे.
चौटाला का राजनीतिक करियर
चौटाला हरियाणा के 7 बार विधायक और 4 बार मुख्यमंत्री रहे हैं. वो 2 दिसंबर 1989 से 22 मई 1990, 12 जुलाई 1990 से 17 जुलाई 1990, 22 मार्च 1991 से 6 अप्रैल 1991 और 24 जुलाई 1999 से 5 मार्च 2005 तक मुख्यमंत्री रहे हैं.
उनके पिता देवी लाल जनता दल की सरकार में उप प्रधानमंत्री थे. उनके बाद ही चौटाला पहली बार हरियाणा के मुख्यमंत्री बने थे. उन्हें पद पर बने रहने के लिए चुनाव जीतना जरूरी था और इसके लिए उन्होंने तीन बार उपचुनाव लड़ा.
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