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मॉस्को। (russian space agency roscosmos warns to crash international space station) रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस के प्रमुख ने शनिवार को चेतावनी दी है कि रूस के खिलाफ पश्चिमी प्रतिबंध अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के क्रैश होने का कारण बन सकते हैं।
उन्होंने कठोर कदम उठाने का आह्वान किया है। दिमित्री रोगोज़िन के अनुसार प्रतिबंध, जिनमें से कुछ यूक्रेन हमले से पहले के हैं, आईएसएस के लिए काम करने वाले रूसी स्पेसक्राफ्ट के संचालन को बाधित कर सकते हैं।
लिहाजा स्पेस स्टेशन का रूसी हिस्सा, जो इसको ऑर्बिट में बनाए रखने में मदद करता है, प्रभावित हो सकता है।
रिपोर्ट के अनुसार रोस्कोस्मोस के प्रमुख ने टेलीग्राम पर लिखा कि इससे 500 टन वजनी ढांचा समुद्र या जमीन पर क्रैश हो सकता है।
रोगोज़िन लगातार सोशल मीडिया पर यूक्रेन में जंग लड़ रही रूसी सेना के प्रति अपना समर्थन व्यक्त करते रहते हैं।
उन्होंने लिखा, ‘रूसी हिस्सा यह सुनिश्चित करता है कि स्टेशन अपने ऑर्बिट में बना रहे और यह अंतरिक्ष के मलबे से बचा रहे।’
उन्होंने एक नक्शा जारी करते हुए उन संभावित जगहों के बारे में बताया जहां आईएसएस क्रैश हो सकता है। इसके रूस पर गिरने की संभावना नहीं है।

प्रतिबंध लगाने वाले देशों को कहा ‘पागल’

उन्होंने कहा, ‘अन्य देशों की आबादी, खासकर वे जिनका नेतृत्व ‘युद्ध के कुत्ते’ कर रहे हैं, रोस्कोस्मोस के खिलाफ लगाए गए प्रतिबंधों की कीमत के बारे में सोचना चाहिए।’
रोगोज़िन ने प्रतिबंध लगाने वाले देशों को ‘पागल’ करार दिया है। इससे पहले रोगोज़िन ने पिछले महीने ट्विटर पर पश्चिमी प्रतिबंधों की आलोचना करते हुए स्पेस स्टेशन के धरती पर गिरने के खतरे के बारे में बताया था।

स्पेस में साथ काम कर रहे रूस और अमेरिका

अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने 1 मार्च को कहा था कि वह रूस की मदद के बिना आईएसएस को कक्षा में बनाए रखने के लिए उपाय खोजने की कोशिश कर रहा है।
रोस्कोस्मोस ने कहा कि उसने नासा, कनाडाई अंतरिक्ष एजेंसी और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी से हमारी कंपनियों के खिलाफ लगाए गए ‘अवैध प्रतिबंधों’ को हटाने की मांग की है।
फिलहाल अंतरिक्ष इकलौता ऐसा क्षेत्र है जहां अमेरिका और रूस एक-दूसरे के सहयोग से काम कर रहे हैं।
यूक्रेन पर हमले तेज,
नई दिल्ली: यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध के 17 वें दिन यूक्रेन की सरकार ने कहा कि रूसी बलों ने मारियूपोल (Mariupol) शहर की एक मस्जिद को निशाना बनाया. यूक्रेन का कहना है कि जिस वक्त रूस ने यह हमला किया है उस वक्त वहां 80 से अधिक लोग ठहरे हुए थे. हालांकि यूक्रेन ने भी यह दावा किया है कि उन्होंने अबतक 12 हजार से ज्यादा सैनिकों को मार गिराया है.

लंबी जंग की तैयारी में जुटा रूस

बता दें कि रूसी सेना ने डोनबास (Donbas) और क्रीमिया (Crimea) में अपने सैनिकों को इकट्ठा करना शुरू कर दिया है.
यूक्रेन के सैन्य खुफिया प्रमुख कायरलो बुडानोव के अनुसार, रूस भी भंडार को फिर से भरने के लिए रूस के मध्य और पूर्वी हिस्सों से नई इकाइयों को ट्रांसफर कर रहा है.

युद्ध में शामिल होंगे 16 हजार लड़ाके

गौरतलब है कि व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन की राजधानी कीव पर कब्जे से पहले अपनी तैयारी को और पुख्ता कर रहे हैं.
उन्होंने मिडल ईस्ट से 16,000 लड़ाकों को युद्ध में शामिल होने का निमंत्रण दिया है.
ये सभी 16 हजार लड़ाके किसी भी वक्त यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में रूस की ओर से शामिल हो सकते हैं.
दिनभर में 200 बम गिरा रूस
अमेरिका के रक्षा अधिकारियों ने रूस के हवाई अभियान को लेकर एक आंकलन साझा किया है.
इसमें उन्होंने कहा कि रूसी पायलट दिनभर में औसतन 200 बम गिरा रहे हैं, जबकि यूक्रेनी बलों के मामले में यह संख्या 5 से 10 के बीच है.
अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक, यूक्रेनी बल रूसी विमानों के हमलों से निपटने के लिए सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों, रॉकेट से चालित गोलों और ड्रोन विमानों के इस्तेमाल पर ज्यादा जोर दे रहे हैं.

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