जालंधर। रायजादा हंसराज बैडमिंटन स्टेडियम में स्पोर्टस अथॉरिटी ऑफ इंडिया (साई) का केंद्र खोलने की मांग को लेकर आज केंद्रीय खेल एवं युवा मामलों के मंत्री अनुराग ठाकुर से जिला बैडमिंटन एसोसिएशन के सचिव एवं पूर्व राष्ट्रीय खिलाड़ी रितिन खन्ना ने मुलाकात की। मुलाकात के दौरान रितिन खन्ना ने एक आग्रह पत्र भी सौंपा जिसमें इस बात को प्रमुखता से उठाया गया कि जालंधर के रायजादा हंसराज बैडमिंटन स्टेडियम को साई केंद्र की बहुत आवश्यकता है क्योंकि ये सेंटर उत्तर भारत के युवा बैडमिंटन खिलाडिय़ों के उज्ज्वल भविष्य में सहायक साबित होगा। मुलाकात के दौरान खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि हंसराज स्टेडियम में साई सेंटर खोलने की मांग पर केंद्रीय खेल मंत्रालय गंभीरता से विचार करेगा। उन्होंने इस बात की खुशी जताई कि रितिन खन्ना जोकि एक पूर्व राष्ट्रीय खिलाड़ी हैं, वह बैड़मिंटन खेल के विकास के लिए इतनी मेहनत कर रहे हैं और 2 साल में इन्होंने जो हंसराज स्टेडियम में विकास कार्य करवाए हैं वे भी काबिलेतारीफ हैं।
रितिन खन्ना द्वारा अनुराग ठाकुर को सौंपे गए पत्र में बताया गया है कि वर्तमान में हंसराज स्टेडियम में स्थापित ओलंपियन दीपांकर भट्टाचार्जी एकेडमी में विभिन्न आयु वर्ग के 150 से 200 खिलाड़ी प्रशिक्षण ले रहे हैं। स्टेडियम में हॉस्टल सुविधा भी है और बैडमिंटन हॉल में पांच सिंथेटिक कोर्ट भी लगाए गए हैं। इसके अलावा स्टेडियम में स्पोर्टस कैंटीन, जिम्नेजियम, योगा एवं एरोबिक्स सेंटर भी हैं। इसी के साथ रितिन खन्ना ने खिलाडिय़ों से जुड़ा सबसे अहम तथ्य उठाते हुए बताया कि उत्तर भारत के बहुत-से बैडमिंटन खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते जिसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि यहां के खिलाडिय़ों को पेशेवर अकादमियों में ट्रेनिंग लेने के लिए दक्षिण भारत (बेंगलुरू एवं हैदराबाद) में जाना पड़ता है।
पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के 12 से 20 साल की उम्र के वे खिलाड़ी जोकि उच्च तकनीक हासिल करने के इच्छुक तो होते हैंलेकिन किसी न किसी वजह से दक्षिण भारत न जा पाने के कारण वे इस ट्रेनिंग से वंचित रह जाते हैं। दक्षिण भारत में जाकर ट्रेनिंग लेने से एक तो खिलाडिय़ों पर आर्थिक बोझ बहुत पड़ता है और दूसरा खाने की समस्या का सामना करना पड़ता है। खिलाडिय़ों की पढ़ाई भी बाधित होती है। वैसे भी घर से दूर जाकर ट्रेनिंग करने से कई और बाधाएं आती हैं। इसलिए अगर जालंधर में स्पोट्र्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया का सेंटर बना दिया जाए तो खिलाडिय़ों को काफी राहत मिलेगी।
रितिन खन्ना ने पत्र में लिखा है कि अगर रायजादा हंसराज बैडमिंटन स्टेडियम में साई सेंटर बनता है तो पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर के 10 से 20 साल आयु वर्ग के जूनियर स्तर के बैडमिंटन खिलाडिय़ों को काफी लाभ होगा और वे अंतर्राष्ट्रीय स्तर के मुकाबलों के लिए खुद को तैयार करने में सफल होंगे। इसलिए उनका विनम्र आग्रह है कि हंसराज बैडमिंटन स्टेडियम में साई सेंटर खोलने के लिए खेल मंत्रालय की तरफ से अधिकारियों की नियुक्ति करके उन्हें हंसराज बैडमिंटन स्टेडियम का दौरा करवाया जाए ताकि वे यहां आकर स्टेडियम में बैडमिंटन के विकास के लिए स्थापित ढांचे का निरीक्षण कर सकें।
खिलाडिय़ों को साई सेंटर से मिलने वाले लाभ
- उच्च स्तरीय ट्रेनिंग और अच्छी डाइट।
- बढिय़ा हॉस्टल सुविधा।
- खिलाड़ी को टूर्नामेंट खेलने के लिए आर्थिक मदद ।
- स्पोर्टस किट उपलब्ध होने के साथ-साथ पढ़ाई के खर्च में सहायता।
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