Prabhat Times
चंडीगढ़। (Revolt Against Captain Amarinder Singh in Punjab) कांग्रेस का अंतर्कलह खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। पंजाब विधानसभा के मानसून सत्र से पहले यह कलह और तेज हो गई है। पंजाब कांग्रेस मे भूचाल आ गया है। कुछ माह पहले तक खासमखास रहे मंत्रियों ने ही सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ विद्रोह (Revolt) कर दिया है और उनको हटाने की आवाज उठा दी है। कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा के घर तीन कैबिनेट मंत्री समेत 20 विधायक और तकरीबन आधा दर्जन पूर्व विधायक एकत्रित हुए। बैठक के बाद कैबिनेट मंत्री चरणजीत चन्नी ने कहा कि अब मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह में हमारा भरोसा नहीं रहा है। हम केंद्रीय नेतृत्व से मुख्यमंत्री को बदलने की मांग करेंगे।
कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर बाजवा के घर जुटे तीन मंत्री व 20 MLA, चन्नी बोले- हाईकमान से मिलेंगे
बैठक के बाद कैबिनेट मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि वर्तमान मुख्यमंत्री से पंजाब के मसले हल नहीं होने वाले है। इसलिए प्रदेश कांग्रेस का पांच सदस्य एक शिष्टमंडल आज ही दिल्ली जाकर हाईकमान से मिलेगा। इस प्रतिनिधिमंडल में तृप्त राजेंद्र सिंह बाजवा, सुखजिंदर सिंह रंधावा, सुखविंदर सिंह सरकारिया परगट सिंह और वह खुद होंगे।
कांग्रेस के विधायक व पार्टी के प्रदेश महासचिव परगट सिंह ने कहा कि कांग्रेस के विधायक मुख्यमंत्री की वर्किंग से संतुष्टि नहीं है। इसलिए वह पार्टी हाई कमान से मिलेंगे। बैठक में सुखबिंदर सिंह सरकरिया भी थे। बैठक में कार्यकारी प्रधान संगत सिंह गिलजियां भी थे। वहीं सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि हमने मंत्रियों के रूप में अच्छा काम किया है और मंत्री पद जाने का कोई डर नहीं है।
रंधावा के इस बयान से यदि स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं कि कैप्टन के विरोध में आने वाले मंत्रियों को अपना विभाग बदलने या मंत्रिमंडल जाने का भी डर है। सुरेंद्र नावा ने नवजोत सिंह सिद्धू के सलाहकार मालविंदर सिंह माली द्वारा कश्मीर मुद्दे पर की गई टिप्पणी को व्यक्तिगत करार दिया है। उनका कहना है कि या माली का व्यक्तिगत बयान है इसका कांग्रेस से कोई लेना देना नहीं है।
सुखजिंदर रंधावा ने कहा कि यह बात यहां तक बढ़ने नहीं थी। उन्होंने कहा कि क्या कारण है कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह अमृतसर में जाकर 1000 लोगों की बैठक कर सकते हैं, विधायकों के साथ बैठक कर सकते हैं, लेकिन कैबिनेट बैठक वर्चुअल होती है। रंधावा का इशारा था कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह मंत्रियों के सवालों से बचना चाहते हैं, इसीलिए वर्चुअल कैबिनेट बैठक कर रहे हैं।
खुलकर मैदान में उतरा नवजोत सिंह सिद्धू खेमा
पहले से ही इस तरह की बैठक की तैयारी थी और माना जा रहा था कि इसमें मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के विरोधियों की यह मंशा मुख्यमंत्री को बदलने का प्रस्ताव लाने की थी। बैठक में 20 विधायक और तीन मंत्री ही पहुंचे। इसकी वजह से इस प्रस्ताव को लाने की संभावना कम दिखाई दे रही थी। यह बैठक ऐसे समय में की जा गई जब 2 दिन बाद 26 अगस्त को पंजाब कैबिनेट की बैठक होने वाली है। कैबिनेट बैठक में विधानसभा का मानसून सत्र कब बुलाया जाए इसको लेकर फैसला होना है।
जानकारी के अनुसार इस बैठक में कांग्रेस के प्रदेश प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू अभी उपस्थित नहीं हुए। उनके भी बैठक में हाजिर होने की पूरी संभावना थी। बता दें कि कांग्रेस में कैप्टन विरोधी खेमा लंबे समय से मुख्यमंत्री को बदलने का प्रस्ताव लाने को लेकर के प्रयास कर रहा है हालांकि पूर्ण बहुमत न होने के कारण अभी तक प्रस्ताव लाने की कोशिश कामयाब नहीं हो पाई थी। पंजाब विधानसभा में कांग्रेस के 80 विधायक हैं।
आज की बैठक में मंत्रियों में तृप्त राजेंद्र सिंह बाजवा, सुखविंदर रंधावा, चरणजीत सिंह चन्नी, समेत विधायकों में कुलदीप सिंह वैध, सुरजीत सिंह धीमान, अमरिंदर सिंह राजा वडिंग, जूनियर अवतार हैनरी, हरजोत कमल, अमरीक सिंह ढिल्लों, संतोख सिंह भलाईपुर, परमिंदर सिंह पिंकी, मदनलाल जलालपुर, गुरकीरत कोटली, लखबीर सिंह लक्खा, देवेंदर घुबाया, प्रीतम सिंह कोर्ट भाई, कुलबीर जीरा, दर्शन बराड़ सिंह गोल्डी, परगट सिंह, काका रणदीप सिंह, अंगद सिंह उपस्थित हैं। जबकि इसके अलावा आधा दर्जन पूर्व विधायक भी उपस्थित रहे।
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