Prabhat Times
नई दिल्ली। (Covid Symptoms) कोरोना वायरस का प्रकोप बहुत तेजी से बढ़ रहा है। संक्रमितों और मृतकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। कोरोना वायरस की दूसरी लहर में कोरोना के लक्षण भी बदल गए हैं।
अब मरीजों में बुखार, खांसी, जुकाम या गंध और स्वाद का नुकसान जैसे लक्षण नहीं रह गए हैं। मरीजों में अब ऐसे लक्षण भी दिख रहे हैं, जो बहुत सी आम बीमारियों में नजर आते हैं और यही वजह है कि लोग लक्षणों को लेकर कंफ्यूज हैं।
माना जा रहा है कि आवाज में बदलाव भी कोरोना वायरस का संकेत हो सकता है। कोरोने के नए रूपों के फैलने के बाद कई मरीजों में आवाज में बदलाव के लक्षण देखे गए हैं।
कोरोना का आवाज पर प्रभाव
कोरोना लक्षणों पर आधारित एक ऐप द्वारा अध्ययन के अनुसार, बहुत से लोगों ने कोरोना वायरस की चपेट में आने के बाद अपनी आवाज में परिवर्तन की सूचना दी है।
लाखों ऐप योगदानकर्ताओं के डेटा से पता चला है कि कर्कश आवाज कोरोना का लक्षण हो सकता है। इसका मतलब यह हुआ कि अगर आवाज फटी हुई, बैठी हुई या बदलाव महसूस हो रहा है, तो आपको तुरंत जांच करानी चाहिए।
आवाज में बदलाव से कोरोना का पता कैसे पता चल सकता है?
रिपोर्ट के अनुसार, एप्लिकेशन पर काम कर रही शोधकर्ताओं की टीम के अनुसार, कर्कश आवाज कोरोना का एक असामान्य लक्षण है, लेकिन इसे अनदेखा नहीं किया जा सकता है, क्योंकि यूनाइटेड किंगडम में कई लोगों ने अपनी बीमारी की शुरुआत के बाद कर्कश आवाज का अनुभव किया है।
कर्कश आवाज सामान्य आवाज में बदलाव का एक प्राथमिक लक्षण है। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भिन्न हो सकती है। अध्ययन के अनुसार, कुछ लोगों को उनकी आवाज फटी हुई और कुछ को कर्कश हो सकती है, जबकि अन्य लोगों की आवाज खुरदरी, शांत या अलग आवाज वाली हो सकती है।
शोधकर्ताओं के अनुसार, कोरोना वायरस श्वसन तंत्र के ऊतकों को प्रभावित करता है जिनमें से वॉइस बॉक्स भी एक हिस्सा है। इससे पता चलता है कि क्यों कुछ लोगों को संक्रमण के दौरान कर्कश आवाज हो जाती है।
हालांकि शोधकर्ताओं का कहना है कि हालांकि यह जरूरी नहीं है कि अस्पष्ट स्वर कोरोना ही हो लेकिन आपको आवाज में बदलाव होने पर कोरोना की जांच जरूर करानी चाहिए।
कोरोना के 2 नए शुरुआती लक्षण आये सामने
खून में प्लेटलेट्स में अचानक गिरावट होना और अचानक थकान महसूस होना भी कोरोना वायरस के प्रारंभिक लक्षण हो सकते हैं। ऐसा होने से आपको बुखार और सांस लेने में परेशानी हो सकती है। चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार, अगर नजरअंदाज कर दिया जाए, तो ये शुरुआती लक्षण घातक साबित हो सकते हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, केजीएमयू के श्वसन चिकित्सा विभाग के प्रोफेसर संतोष कुमार ने कहा, ‘हर वायरल संक्रमण में, प्लेटलेट काउंट कम हो जाता है। इसलिए, किसी को थकान को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और खुद की कोरोना जांच करानी चाहिए।’
राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में चिकित्सा विभाग में संकाय के डॉक्टर विक्रम सिंह ने कहा, ‘अत्यधिक थकान और कमजोर वायरल बुखार के लक्षणों में से हैं। कोरोना भी एक प्रकार का वायरल है, जिससे यह दोनों लक्षण हो सकते हैं।
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