Prabhat Times
चंडीगढ़। (Punjab All Party Meeting) केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ हो रहे किसानों के प्रदर्शन को लेकर पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह (Punjab CM Captain Amarinder Singh) ने बड़ा बयान दिया है।
अमरिंदर सिंह मंगलवार को कहा कि किसान आंदोलन की आड़ में पाकिस्तान साजिश रच सकता है। ऐसे में हालात बेकाबू होने से पहले केंद्र सरकार को यह मुद्दा सुलझा लेना चाहिए। साथ ही उन्होंने दिल्ली बॉर्डरों पर प्रदर्शन में पंजाब के किसानों के साथ मारपीट किए जाने का आरोप लगाते हुए इसका विरोध किया।
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने मंगलवार को पंजाब भवन में एकजुटता प्रदर्शित करने और केंद्र के तीनों विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ सर्वसम्मति कायम करने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। उन्होंने बैठक बुलाने से पहले ही कहा था कि यह अहंकार में अलग खड़ा होने का नहीं, बल्कि अपने राज्य और अपने लोगों को बचाने के लिए एक साथ आने का समय है।
आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों को दी श्रद्धांजलि
बैठक शुरू करने से पहले किसान आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों को श्रद्धांजलि दी गई। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि हमारे किसानों को इस तरह से जान गंवाते देखना दर्दनाक है। हमने इन किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ संघर्ष के दौरान 88 किसानों को खो दिया है। वे अपने अधिकारों के लिए लड़ते हुए मारे गए। इस दौरान 2 मिनट का मौन रखा गया और सर्वदलीय बैठक की शुरुआत से पहले उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
कृषि कानूनों के खिलाफ विधानसभा में दोबारा बिल लाएगी पंजाब सरकार
सर्वदलीय बैठक में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि उनकी सरकार पंजाब विधानसभा में तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ एक बार फिर से संशोधित विधेयक (Bill) लाएगी। राज्यपाल ने विधानसभा में पहले पारित विधेयकों को राष्ट्रपति के पास नहीं भेजा है।
उन्होंने कहा कि हम यह बिल फिर से लाने जा रहे हैं क्योंकि संविधान में प्रावधान है कि यदि विधानसभा दो बार बिल को पास कर देती है तो राज्यपाल को इसे राष्ट्रपति को भेजना ही पड़ता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के पास संविधान की धारा 254 दो में यह पावर है कि वह केंद्रीय कानूनों में अपनी जरूरत के अनुसार संशोधन कर सकती है।
दिल्ली हिंसा में लापता हुए लोगों का पता चला
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बताया अब तक दिल्ली में गणतंत्र दिवस के दिन हुई घटना के बाद से पंजाब के 89 लोगों के लापता होने की रिपोर्ट थी। इनमें से 70 लोग दिल्ली की जेलों में हैं और 14 लोग अन्य स्थानों पर मिले हैं, लेकिन पंजाब के पांच लोग अब भी लापता हैं। उनका पता लगाने की कोशिश की जा रही है।
दिल्ली में हुई हिंसा को प्रायोजित बताते हुए सर्वदलीय बैठक में फैसला किया कि इस मामले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की जाएगी। इसके अलावा किसान संगठनों के अन्य मामलों को भी उनके समक्ष उठाया जाएगा। सभी दलों ने दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई घटनाओं के मामले में न्यायिक जांच की भी मांग की। नेताओं ने कहा कि हिंसा के लिए जो भी लोग दोषी हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
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