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गणतंत्र दिवस पर ‘ट्रैक्टर परेड’ को लेकर किसानों ने किया अब ये ऐलान, पढ़ें

Prabhat Times
नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसान गणतंत्र दिवस (republic day) पर ट्रैक्टर परेड (tractor parade) निकालने पर अड़े हुए हैं। हालांकि, किसान संगठनों ने अब कहा है कि वे दिल्ली के आउटर रिंग रोड पर परेड निकालेंगे और राजपथ पर होने वाले आधिकारिक परेड में बाधा नहीं पैदा करेंगे।
इससे पहले भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा था कि किसान लाल किले से इंडिया गेट तक परेड निकालेंगे।
किसान आंदोलन में शामिल स्वराज इंडिया के योगेंद्र यादव ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ”किसान राष्ट्रीय ध्वज के साथ आउटर रिंग रोड पर परेड निकालेंगे और गणतंत्र दिवस के आधिकारिक समारोह में कोई व्यवधान नहीं पैदा किया जाएगा।”
किसान संगठनों ने यह भी साफ कर दिया है कि किसी राजनीतिक पार्टी का झंडा परेड में शामिल नहीं किया जाएगा।
क्रांतिकारी किसान यूनियन के प्रमुख दर्शन पाल ने किसान आंदोलन से जुड़े कुछ लोगों को एनआईए से मिले समन को दमन बताते हुए इसकी निंदा की है।
उन्होंने कहा, ”एनआईए ने उन लोगों के खिलाफ केस रजिस्टर करना शुरू किया है जो किसान आंदोलन के अंग हैं या जिन्होंने इसे समर्थन दिया है। सभी किसान यूनियन इसकी निंदा कर रहे हैं। हम हर संभावित तरीके से इससे लड़ेंगे।”
उधर, भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) नेता राकेश टिकैत ने रविवार को कहा कि किसान केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ ‘मई 2024 तक प्रदर्शन करने के लिए तैयार हैं और दिल्ली की सीमाओं पर चल रहा किसानों का आंदोलन ‘वैचारिक क्रांति’ है।
नागपुर में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए टिकैत ने कहा कि वे न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी चाहते हैं।
कृषि कानूनों के खिलाफ किसान 26 नवंबर, 2020 से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी मांग है कि तीनों नये कानूनों को वापस लिया जाए जिन्हें केंद्र ने कृषि क्षेत्र में बड़ा सुधार बताया है।
किसानों ने आशंका जताई है कि नये कानून एमएसपी के सुरक्षा घेरे को समाप्त करने और मंडी प्रणाली को बंद करने का रास्ता साफ करेंगे। उच्चतम न्यायालय ने गत मंगलवार को नये कृषि कानूनों के क्रियान्वयन पर अगले आदेश तक रोक लगा दी।

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