चंडीगढ़। पंजाब के किसान फिलहाल केंद्र की कोई भी बात मानने के मूड में नहीं है। पंजाब के किसान कृषि बिल के खिलाफ अपना आंदोलन जारी रखे हुए हैं।
केंद्र सरकार द्वारा मीटिंग ठुकरा कर अब किसानो ने ऐलान किया है कि 26, 27 नवंबर को पंजाब के किसान दिल्ली में जब्रदस्त प्रदर्शन करेंगे।
किसान सिर्फ नारेबाजी या रोष मार्च नहीं निकालेंगे बल्कि पंजाब से हज़ारों ट्रैक्टर ट्रालियां प्रदर्शन के लिए दिल्ली जाएंगी।
ऐलान किया गया है कि एक एक ट्रैक्टर के साथ दो दो ट्रालियां अटैच होंगी और हज़ारों किसान दिल्ली जाएंगे।
इजाजत नहीं मिली तब भी होगा प्रदर्शन
किसान जत्थेबंदियों का कहना है कि उनका आंदोलन पहले की तरह जारी रहेगा। यदि केंद्र सरकार मालगाड़ियां चलाने का निर्णय लेती है तो वह पैसेंजर ट्रेनों की आवाजाही के बारे में भी सोचेंगे।
बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए किसान नेताओं ने कहा कि उनका संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक केंद्र सरकार तीनों कृषि कानूनों को रद्द नहीं कर देती। उनका कहना है कि दिल्ली सरकार हमें मंजूरी दे ना दे लाखों किसान दिल्ली जाकर रहेंगे।
हजारों पैसेंजर और मालगाड़ियां रद्द
गौरतलब है कि पंजाब में किसान आंदोलन के कारण रेल यातायात बुरी तरह प्रभावित है।
राज्य में आंदोलनकारी किसान रेल परिसर, प्लेटफॉर्म और रेलवे ट्रैक समेत कई जगहों पर डटे हुए हैं। जिसकी वजह से ट्रेनों का संचालन नहीं हो पा रहा है।
पंजाब में किसानों के विरोध प्रदर्शन के कारण रेलवे को करोड़ों का नुकसान हो रहा है।
किसान प्रदर्शन के चलते 1,986 यात्री रेलगाड़ियां यानी पैसेंजर ट्रेनें और 3,090 मालगाड़ियां रद्द हुई हैं।
अब तक हो चुका है 1670 करोड़ का नुक्सान
बताया गया है कि भारतीय रेलवे को मालभाड़े से होने वाली आय में 1,670 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. राज्य में रेलगाड़ियों का परिचालन अभी भी निलंबित है।
1 अक्टूबर से 15 नवंबर के बीच रेलवे को मालगाड़ियां रद्द होने के चलते करोड़ों का नुकसान हुआ है।
भारतीय रेलवे को रोजाना 36 करोड़ मालभाड़े के नुकसान का अनुमान है।
सूत्रों के अनुसार पंजाब के पांच बिजली घरों को 520 रैक कोयले की आपूर्ति नहीं की जा सकी जिसके चलते भारतीय रेल को 550 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।