नई दिल्ली। भारत में हर वर्ष बहुत से लोगों की मौत सांप के डसने से होती है। इसलिए यह बहुत जरूरी है कि आम जन साधारण को यह बताया जाए कि सांपों से कैसे बचाव करना है, भाव कौन-कौन की सावधानियां रखी जानी चाहिए।
इन विचारों का प्रगटावा प्रसिद्ध जंगली जीव फोटोग्राफर और सांपों की देखभाल प्रति अग्रसर यश सिंह ने साइंस सिटी की ओर से सांपों की खोज के विषय पर करवाए गए वैबिनार दौरान किया। इस वैबीनार में करीब 400 विद्याथियों व अध्यापकों ने हिस्सा लिया।
उन्होंने बताया कि बताया कि पूरे विश्व में सांपों की लगभग 3600 प्रजातियां पाई जाती है। भारत में करीब 300 से अधिक प्रकार के सांप पाए जाते है। अन्य सांपों की प्रजातियों को तलाशने का काम अभी भी जारी है।
बहुत से लोग नई-नई तकनीकों का प्रयोग करके सांपों की किस्म की देखभाल की ओर अग्रसर है। यह देखा गया कि सांपों के डसने की घटनाएं अधिकतर तब होती है, जब उनको मारने की कोशिश की जाती है।
यदि सांपों को ऐंकात में छोड़ दिया जाए और उनको मारने की कोशिश न की जाए, तो वह हमारे के लिए खतरनाक नहीं है, केवल अपने बचाव के लिए ही डंग मारते है।
इस मौके संबोधित करते साइंस सिटी की डायरैक्टर जनरल डा. नीलिमा जैरथ ने कहा कि जीवों की सभी प्रजातियों का भोजन बड़ा ही उलझनदार और अहम है, जो कि इनकी जन जनसंख्या के संतुलन को बनाई रखता है, जैसे यदि सांप न होंगे, तो सांपों का भोजन बनते कई प्रकार की शिकार प्रजातियों में अस्वभाविक तौर पर बहुत अधिक बढ़ौतरी हो जाएगी, जिससे पर्यावरण स्थिरता नष्ट हो जाएगी और इसके साथ ही सांपों का शिकार करने वाले भी भूखे मर जाएंगे।
उन्होंने कहा कि जैविक-विभिन्नता हमारी सेहत और पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने के लिए बहुत जरूरी है। सांप जैविक-विभिन्नता के साथ साथ प्राकृति का भी अहम हिस्सा है।
उन्होंने कहा कि अलग-अलग खेतों में सांपों की किस्मों की अलग-अलग है, जैसे कि पर्यावरण के अनुसार मारुस्थल में अलग, हर-भरे घास वाले क्षेत्रों में अलग प्रकार के और जंगली क्षेत्रों में अलग प्रकार के सांप पाए जाते है।
सांपों की बहुत सी प्रजातियों ने इंसान के साथ रहना सिख लिया और अब हमें समझना चाहिए कि हम भी सांपों के साथ सुरक्षित रह सकते है। इस मौके साइंस सिटी के डायरैक्टर डा. राजेश ग्रोवर भी उपस्थित हुए।
उन्होंने कहा कि अब सांप के डंसने व सांप विरोधी जहर (ऐंटी स्नेक विनोद) दवाईयां भी आसानी से मिलने लग पड़ी है, जिनके साथ सांप के डंसने का इलाज हो सकता है।
इसलिए ऐसी घटना घटित होने पर पीडि़त व्यक्ति को जल्द से जल्द इलाज के लिए अस्पताल में ले जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि यदि मौके पर इलाज किया जाए, ताकि पीडि़त व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है।