नई दिल्ली। (agriculture bill) सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार 27 अक्टूबर को उस जनहित याचिका में हस्तक्षेप करने से इन्कार कर दिया जिसमें सभी राज्यों को केंद्र सरकार के हालिया कृषि कानूनों को लागू करने के निर्देश देने की मांग की गई थी। सीजेआई ने कहा- क्षमा कीजिए, हम याचिका में हस्तक्षेप करने से इन्कार करते हैं।
प्रधान न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, क्षमा कीजिए, हम याचिका में हस्तक्षेप करने से इन्कार करते हैं।
हिंदू धर्म परिषद की ओर से दाखिल इस जनहित याचिका में मांग की गई है कि सभी राज्यों को कृषक उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सरलीकरण) अधिनियम, 2020, मूल्य आश्वासन एवं कृषि सेवा पर किसान (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) समझौता अधिनियम, 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020 लागू करने के निर्देश दिए जाएं।
कांग्रेस शासित राज्य कृषि कानूनों के विरोध में हाल ही में कांग्रेस शासित राज्य पंजाब ने राज्य विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित करके केंद्र सरकार के उक्त तीनों कानूनों को खारिज कर दिया था।
कांग्रेस शासित राज्य छत्तीसगढ़ और राजस्थान भी इसी तरह के प्रस्ताव पारित करने पर विचार कर रहे हैं।
विपक्ष का आरोप है कि नए कृषि कानून किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी नहीं देते।
दरअसल, देशभर में कई स्थानों पर विपक्षी दल और किसान संगठन इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं।
विपक्ष का आरोप है कि नए कृषि कानून किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी नहीं देते, जबकि सरकार का कहना है कि नए कानूनों में एमएसपी को खत्म नहीं किया गया है।