जालंधर। DIPS ने जहां विद्यार्थियों में आत्मविश्वास की नींव रखी है, वहीं प्रबल एवं सशक्त भविष्य के निर्माण के लिए विश्वस्तरीय शिक्षा उपलब्ध करवा कर शिक्षा के क्षेत्र में अमूल्य योगदान दिया है। ये शब्द है डा. रूपिन्द्र कौर बल के जोकि डिप्स ढिलवां की भूतपूर्व छात्रा है।
इस समय रूपिन्न्द्र अपनी एम.बी.बी.एस., एम.डी. पूरी करने के उपरांत तरनतारन में बतौर कंसल्टैंट पैथोलॉजिस्ट कार्यरत है। रूपिन्द्र के अनुसार जिस वक्त उन्होंने डिप्स ढिलवां में दाखिला लिया, उस वक्त आंखों में छोटे-छोटे सपने देखने वाले बच्चों को बेहतरीन अध्यापकों सान्निध्य मिला।
सैनी सर, धर्मेंद्र कत्थक सर, मोनिका मंडोत्रा मैम, नीलम मैम, पटियाल सर तथा बलविन्द्र सर आज भी डाक्टर रूपिन्द्र को याद है और आज भी वह नतमस्तक होती है। ऐसे अध्यापकों के आगे जिन्होंने उन्हें व उनके जैसे कितने ही बच्चों को प्रेरित किया।
ये अध्यापक जहां अपने क्षेत्र में तो माहिर हैं ही बल्कि विद्याॢथयों के लिए प्रकाश पुंज है। आज भी रूपिन्द्र अपने अध्यापकों एवं मित्रों के सम्पर्क में हैं। इंद्रजीत, अमन, रूबी और गुरप्रीत जैसे मूल्यवान दोस्तों का जिक्र करते हुए रूपिन्द्र गद्गद् हो उठी।
डा. रूपिन्द्र पढ़ाई के साथ-साथ डिबेट, ग्रुप गायन में भी कुशल थी। कई राज्य और जिला स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग लेकर उन्होंने मैडल व ट्राफी जीती। आर्ट और खेलों में भी रूपिन्द्र की विशेष रुचि रही है। बैडङ्क्षमटन उनका पसंदीदा खेल है।
डिप्स में पढ़ते हुए रूपिन्द्र ने ग्रुप गायन में जालंधर दूरदर्शन में भी कार्यक्रम पेश किया। डा. रूपिन्द्र का पसंदीदा गीत है अनेकता में एकता, राष्ट्र की विशेषता है।
रूपिन्द्र ने बताया कि चेयरमैन गुरबचन सिंह का सपना था कि डिप्स शिक्षा क्षेत्र में बेजोड़ हो और अपने इस प्रयास में वे सफल रहे।
डिप्स क्वालिटी शिक्षा प्रदान करने में अग्रिम श्रेणी में हैं। डा. रूपिन्द्र ने अपने अध्यापकों व डिप्स मैनेजमैंट का तहेदिल से धन्यवाद किया एवं शुभकामनाएं दीं।