Prabhat Times
नई दिल्ली। चीन के साथ लद्दाख में एलएसी पर जारी तनाव के बीच केन्द्र सरकार ने मुक्त व्यापार समझौते के तहत चीन से आयात कम करने के लिए बड़ी पहल की है।
भारत सरकार के आयात कानून के तहत रूल्स ऑफ ऑरिजिन का नियम लागू करने के लिए जारी नए दिशानिर्देश की वजह से चीन पर आसानी से लगाम लगाई जा सकेगी।
इसके बाद चीन अब वियतनाम, इंडोनेशिया और थाइलैंड जैसे देशों के रास्ते भारत में सामान नहीं भेज सकेगा।
खराब गुणवत्ता वाले उत्पादों का आयात रोकने और एफटीए में भागीदार देश के जरिये किसी तीसरे देश के उत्पादों की डंपिंग को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है।

राजस्व विभाग ने सीमा शुल्क नियम, 2020 को अधिसूचित कर दिया है। ये नियम 21 सितंबर 2020 से लागू होने वाले हैं।
रूल्स ऑफ ऑरिजिन में कहा गया है कि ये नियम भारत में आयातित उन उत्पादों पर लागू होंगे जिन पर आयातक व्यापार समझौते के तहत शुल्क में छूट या रियायत का दावा करेंगे।
इन प्रावधानों के तहत जिस देश ने भारत के साथ एफटीए किया है वह किसी तीसरे देश के उत्पाद को सिर्फ लेबल लगाकर भारतीय बाजार में डंप नहीं कर सकता।
उसे संबंधित उत्पाद को भारतीय बाजार में निर्यात करने के लिए एक निधाज़्रित मूल्यवर्धन करना होगा।
भारत का आसियान देशों के साथ एफटीए है। आसियान के 10 देशों में कई ऐसे हैं जिनका चीन के साथ भी एफटीए है, इनमें वियतनाम, थाइलैंड व इंडोनेशिया जैसे देश शामिल हैं।
उत्पाद के मूल स्थान या उत्पादन की मूल जगह के नियमों से देश में उत्पादों की डंपिंग को रोकने में मदद मिलेगी।
एफटीए समझौते में दो व्यापारिक भागीदार देश आपसी व्यापार वाले उत्पादों पर आयात सीमा शुल्क को उल्लेखनीय रूप से घटा देते हैं या पूरी तरह हटा देते हैं।
अधिसूचना के अनुसार व्यापार करार के तहत तरजीही शुल्क दर के दावे के लिए आयातक या उसके एजेंट को बिल जमा कराते समय यह घोषणा करनी होगी कि संबंधित उत्पाद तरजीही शुल्क दर का पात्र है।