जालंधर। महामारी के दौरान टीचिंग-लर्निंग कार्यप्रणाली को उन्नत करने के प्रयास में इनोसैंट हार्टस ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस में ‘इफेक्टिव टीचिंग लर्निंग इन न्यू नॉर्मल आफ पैंडेमिक एरा’ विषय पर २ दिवसीय वर्चुअल फैकल्टी डिवैल्मैंट प्रोग्राम का आयोजन किया गया।
केन्द्रीय तथा विदेशी विश्वविद्यालयों और उद्योग सहित विविध पृष्ठभूमि के कुल छह संसाधन व्यक्तियों ने डा. पल्लवी पंडित (प्रिंसीपल आरआईईआईटी, रोपड़ कैम्पस रेल माजरा), प्रो. राज सिंह (एचओडी, कम्प्यूटर साईंस, नाइजीरियन ब्रिटिश विश्वविद्यालय, नाइजीरिया), डा. नवनीत शर्मा (असिस्टैंट प्रो. अध्यापक शिक्षा विभाग, केन्द्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश), डा. आशुतोष शर्मा (डायरैक्टर, रयात स्कूल ऑफ मैनेजमैंट, रोपड़ कैंपस), श्री अश्वनी कोहली (सीनियर वाइस प्रेसीडैंट, पंजाब चैंबर ऑफ स्मॉल एक्सपोर्टर्स तथा डा. शैलेश त्रिपाठी (ग्रुप डायरैक्टर इनासैंट हार्टस) ने इस अवसर पर अपने विचारों को प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम की शुरुआत डा. गगनदीप कौर (एकेडमिक को-आर्डीनेटर, इनोसैंट हार्टस) द्वारा संसधान व्यक्तियों के स्वागत के साथ हुई। उसके पश्चात् एफ.डी.पी. का उद्घाटन भाषण डा. शैलेश त्रिपाठी द्वारा प्रस्तुत किया गया।
प्रो. राज सिंह (एच.ओ.डी., कम्प्यूटर साईंस, नाइजीरियन ब्रिटिश विश्वविद्यालय, नाइजीरिया) द्वारा एफ.डी.पी. का पहला सैशन लिया गया। उन्होंने कहा कि एक शिक्षक को छात्रों के छोटे समूह में ऑनलाइन लैक्चर देना चाहिए ताकि छात्रों के साथ अधिक बातचीत की जा सके और उनके प्रश्नों और शंकाओं का समाधन किया जा सके।
सैशन के द्वितीय स्पीकर डा. पल्लवी पंडित (प्रिंसीपल, आरआईईआईटी, रोपड़ कैंपस, रेल माजरा) रही। उन्होंने शिक्षण पर महामारी के आर्थिक प्रभाव पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्गों के छात्रों की समस्याओं को दूर करने तथा उनकी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए प्रतिभागियों को प्रेरित किया।
सत्र के तीसरे स्पीकर डा. शैलेश त्रिपाठी (ग्रुप डायरैक्टर, इनोसैट हार्टस) रहे। डा. त्रिपाठी आनलाइन कक्षा के दौरान छात्रों को पढ़ाई के लिए आकर्षित करने के लिए रचनात्मक ढंगों का प्रयोग करने के लिए कहा। उन्होंने प्रतिभागियों को एक प्रभावी शिक्षक बनने से पहले एक अच्छा लर्नर बनने के लिए प्रेरित किया।
एफडीपी के दूसरे दिन की शुरुआत डा. आशुतोष शर्मा (डायरैक्टर, रयात स्कूल ऑफ मैनेजमैंट, रोपड़ कैंपस) के सैशन के साथ हुई। डा. आशुतोष ने इस महामारी में एक लक्ष्य के रूप में आनलाइन लैक्चर की तैयारी पर ध्यान केन्द्रित करने पर ज़ोर दिया। उन्होंने पाठ्यक्रम में लक्ष्य, कन्टेंट, दृष्टिकोण और मूल्यांकन के संदर्भ में आवश्यक परिवर्तनों पर भी चर्चा की।
दूसरे दिन के अन्य रिर्सोस पर्सन श्री अश्वनी कोहली (सीनियर वाइस प्रोसीडेंट, पंजाब चैंबर ऑफ स्मॉल एक्सपोर्टर्स) थे। उनकी चर्चा का विषय वर्चुअल टीचिंग-लर्निंग अप्रोच के लिए हार्डवेयर तथा सॉफ्टवेयर की ज़रूरत को पूरा करना था। उन्होंने कहा कि सरकार तथा दूरसंचार कम्पनियों को आवश्यक इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के लिए अधिक निवेश करना चाहिए।
एफ.डी.पी. का अंतिम सैशन डा. नवनीत रानी, असिस्टेंट प्रो. शिक्षक शिक्षा विभाग, केन्द्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश) द्वारा लिया गया। उन्होंने प्रतिभागियों को छात्रों के साथ शैक्षणिक संबंध विकसित करने के लिए प्रेरित किया ताकि वे स्वयं ज्ञान का निर्णय कर सकें।
अंत में डा. शैलेश त्रिपाठी (ग्रुप डायरैक्टर, इनोसैंट हार्टस) द्वारा समापन भाषण प्रस्तुत किया गया। उन्होंने प्रतिभागियों को अपने शिक्षण मनोविज्ञान में नए विचारों को शामिल करने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके साथ ही उन्होंने दो दिवसीय आनलाइन एफडीपी के सफल समापन के लिए पूरे आईएचजीआई परिवार को बधाई दी।
डा. गगनदीप कौर (अकादमिक कोआर्डीनेटर) द्वारा सभी संसधान व्यक्तियों तथा प्रतिभागियों का धन्यवाद किया गया। प्रतिभागियों को ई-प्रमाण पत्र भी वितरित किए गए।