Prabhat Times
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर से 10,000 अर्धसैनिक बलों को वापस बुलाने के आदेश दिए हैं। अधिकारियों ने बुधवार को ये जानकारी दी। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय द्वारा केंद्र शासित प्रदेश में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की तैनाती की समीक्षा के बाद यह निर्णय लिया गया।
एक अधिकारी ने बताया कि कुल 100 सीएपीएफ की कंपनियों को तत्काल प्रभाव से वापस बुलाने का निर्देश मिला है। इस कंपनियों को पिछले साल अनुच्छेद 370 (Article 370) हटाए जाने के केंद्र सरकार के फैसले से पहले जम्मू -कश्मीर में नियुक्त किया गया था। अब इन कंपनियों को वापस इनकी बेस लोकेशन पर भेजा जाएगा।
निर्देशों के अनुसार, इस सप्ताह तक केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की कुल 40 कंपनियां और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, सीमा सुरक्षा बल और सशस्त्र सीमा बल की 20 कंपनियां जम्मू-कश्मीर से वापस बुलाई जाएंगी।
एक सीएपीएफ कंपनी में लगभग 100 कर्मियों की परिचालन क्षमता होती है। उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ को इन इकाइयों को वायु मार्ग द्वारा दिल्ली और अन्य स्थानों पर भेजने के निर्देश दिए गए हैं।
एक वरिष्ठ सीएपीएफ अधिकारी ने कहा जिन यूनिट्स को वापस बुलाया जा रहा है वह जम्मू और श्रीनगर दोनों ही जगह तैनात थीं। घाटी में होने वाली घुसपैठ और आतंकियों से मुकाबला करने के लिए इन्हें पिछले साल तैनात किया गया था जिन्हें अब वापस बुलाया जा रहा है।
अब इन बलों को आराम और प्रशिक्षण आदि दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सर्दियों में जल्द ही सेटिंग के साथ, इन इकाइयों को विशेष रूप से कश्मीर घाटी क्षेत्र में मेक-शिफ्ट और अस्थायी आवास इकाइयों में रखना एक महत्वपूर्ण कार्य होगा।

अब कश्मीर में रहेंगे इतने सुरक्षाबल

गृह मंत्रालय ने इसी साल मई में केंद्रशासित प्रदेश से लगभग 10 सीएपीएफ कंपनियों को वापस बुला लिया था।
नवीनतम डी-इंडिकेशन के साथ, कश्मीर घाटी में सीआरपीएफ के पास लगभग 60 बटालियन (प्रत्येक बटालियन में लगभग 1,000 कर्मचारी) की ताकत होगी जबकि सीएपीएफ की बहुत कम इकाइयां होंगी।

पिछले साल हुई थी सुरक्षाबलों की नियुक्ति

बता दें केंद्र सरकार ने पिछले साल 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर राज्य का विशेष दर्जा वापस ले लिया था। इसके साथ ही केंद्र ने अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को खत्म कर दिया था। साथ ही साथ जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित राज्यों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया था।
उस समय घाटी में शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखने और किसी भी आपत्तिजनक घटना से बचने के लिए केंद्र सरकार ने अतिरिक्त सुरक्षाबलों की नियुक्ति की थी. इसके बाद सरकार ने केंद्र शासित प्रदेश से समय-समय पर घाटी से अतिरिक्त सुरक्षाबलों को वापस बुलाती रही है।