नई दिल्ली। कोरोना वायरस संक्रमण के चलते लॉकडाउन के बाद अब जर्मनी के स्कूल खुल रहे हैं। यहां स्कूलों का नजारा पहले से पूरी तरह बदल गया है। बच्चों के सिटिंग अरेंजमेंट से लेकर पढ़ाने का तरीका तक सब बदला बदला नजर आ रहा है। कोरोना संक्रमण के बाद कहा जा रहा है कि भारत में भी कुछ ऐसे ही बदलाव नजर आएंगे।
बच्चे थर्मल टेस्ट के बाद क्लासरूम में पहुंच रहे हैं। उनके लिए मास्क जरूरी कर दिया गया है। इसके अलावा छात्रों को एक दूसरे से दूर दूर से ही बात करने की इजाजत दी गई है।
स्कूलों में बैग में साथ में सैनिटाइजर लाना अनिवार्य कर दिया गया है। इसे स्टूडेंट कुछ घंटे के अंतराल में इस्तेमाल करेंगे। कहा जा रहा है कि भारत के स्कूलों में भी सेनिटाइजर स्कूल बैग में रखना जरूरी हो जाएगा। भारत सरकार भी कुछ इसी तरह के नियम तैयार कर रही है।
कक्षाओं में सैनिटाइजर का सही समय पर इस्तेमाल सुनिश्चित करने के लिए कक्षाओं में इसका इस्तेमाल कराया जा रहा है। इसके अलावा बच्चों को सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का भी सख्ती से पालन करने के निर्देश हैं।
बच्चे सोशल डिस्टेंसिंग का सही ढंग से पालन करें इसके लिए स्कूलों में नोटिस लगाकर इसके बारे में बताया गया है। इसे बाकायदा नोटिस बोर्ड में चित्रों के जरिये समझाया गया है।
स्कूलों में कक्षाओं को अच्छी तरह से सैनिटाइज करने के बाद ही वहां पढ़ाई शुरू की गई। छात्रों को पढ़ाई के दौरान मास्क लगाने के आदेश दिए गए। सिर्फ लंच टाइम पर वो मास्क उतार सकते हैं, लेकिन लंच एक दूसरे से शेयर नहीं कर सकते।
जिन छात्रों में बुखार, जुकाम या कोरोना के अन्य लक्षण हैं, उन्हें स्कूलों में आने की इजाजत फिलहाल नहीं दी गई है। भारत सरकार भी स्कूल खाेलने के लिए कुछ इसी तरह की गाइडलाइन तैयार कर रही है।
इसी तरह क्लासरूम में पढ़ाने का सिस्टम भी बदला बदला नजर आया। टीचर्स स्टूडेंट्स से एक नियत दूरी बनाकर ही उन्हें पढ़ा रहे हैं। टीचर्स को भी सिंप्टम्स होने पर स्कूल न आने के लिए कहा है।
हनाउ जर्मनी के कार्ल रेबेन स्कूल में भी कुछ ऐसा ही नजारा दिखा। यहां स्टूडेंट और टीचर्स एक तय दूरी बनाकर चल रहे थे। स्कूल दोबारा खुलने पर छात्रों को पहले दिन नये नियमों से परिचित कराया गया। फिलहाल अब उन्हें कोरोना संक्रमण थमने तक यही नियम फॉलो करना होगा।
स्कूल में पहले दिन छात्रों को बेहतर महसूस हो, इसके लिए स्कूल प्रशासन ने गेट पर आकर उनका वेलकम किया। छात्रों का यहां पहले थर्मल टेस्ट किया गया. अगर भारत में भी स्कूल खुले तो यहां के नजारे भी कुछ इसी तरह होंगे। भारत सरकार स्कूल कैंपस में बदलाव के लिए नई गाइडलाइन जारी कर रही है।