नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में एयरपोर्ट के निजीकरण पर भी मुहर लगाई है।
कैबिनेट ने जयपुर, गुवाहाटी और तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट को पीपीपी मॉडल के तहत लीज पर देने का फैसला किया है। ये एयरपोर्ट 50 साल के लिए लीज पर दिए जाएंगे।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कैबिनेट फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि इससे 1070 करोड़ रुपये मिलेंगे।
इस रकम का इस्तेमाल एयपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया छोटे शहरों में एयरपोर्ट बनाने पर करेगी। साथ ही, यात्रियों को भी कई सुविधाएं मिलेंगी।
केंद्र सरकार ने बीते साल सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के तहत परिचालन, प्रबंधन और विकास के लिए लखनऊ, अहमदाबाद, जयपुर, मंगलुरु, तिरुवनंतपुरम और गुवाहाटी में हवाई अड्डों का निजीकरण कर दिया था।
क्यों लिया गया ये फैसला
माना जा रहा है कि एयरपोर्ट लीज पर देने से निजी निवेश को बढ़ावा मिलेगा। एयरपोर्ट चलाने में होने वाले नुकसान में कमी होगी।
आपको बता दें कि देश में Airport Authority of India के पास अभी भी 100 से ज्यादा एयरपोर्ट हैं। AAI के 90 से ज्यादा एयरपोर्ट घाटे में चल रहे हैं।
AAI के सबसे ज्यादा मुनाफा देने वाले एयरपोर्ट हैं चेन्नई, कोलकाता, गोवा और पुणे जबकि सबसे ज्यादा नुकसान वाला एयरपोर्ट है।
2022 तक 35 करोड़ घरेलू एयर टिकट का लक्ष्य रखा गया है। 2017-18 तक घरेलू एयर टिकट की संख्या करीब 24.3 करोड़ थी।