नई दिल्ली। बस कुछ पल के बाद 492 साल का इंतजार समाप्त हो जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दोपहर 12.30 बजे अयोध्या में प्रस्तावित राम मंदिर के लिए ‘भूमिपूजन’ करेंगे। इसके साथ ही राम मंदिर का पुन: भव्य निर्माण कार्य प्रारंभ हो जाएगा।
रामलला के भव्य मंदिर के भूमि पूजन कार्यक्रम से पहले राम भक्त भक्ति में लीन नजर आ रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबसे पहले हनुमानगढ़ी मंदिर जाएंगे। अयोध्या को करीब 400 क्विंटल फूलों से सजाया गया है। सजावट के लिए लिए भारत के अलावा विदेशों से भी फूल मंगवाए गए हैं।
मंगलवार को मंदिर के प्रस्तावित मॉडल की तस्वीरें भी सामने आई हैं। आइए जानते हैं मंदिर से जुड़ी 10 रोचक बातें:
161 फुट ऊंचा होगा राम मंदिर
राम मंदिर के प्रस्तावित मॉडल के अनुसार मंदिर के शिखर की लंबाई 141 फिट से बढ़ाकर 161 फिट की गई है। यानि कि राम मंदिर 161 फुट ऊंचा होगा। इस मंदिर की लंबाई लगभग 270 मीटर, चौड़ाई 140 मीटर होगी।
221 पिलर पर खड़ा होगा राम मंदिर
नवनिर्मित राम मंदिर 221 पिलर पर खड़ा होगा। फर्श पर संगमरमर बिछाया जाएगा। इसमें 5 मुख्य प्रवेश द्वार के अलावा कुल 24 द्वार बनाए जाएंगे। प्रत्येक खंभे पर 12 मूर्तियां उकेरी गई हैं, जो देवी-देविताओं की हैं। यहां श्रद्धालुओं के बैठने और विविध कार्यक्रम आयोजित करने के लिए जगह रहेगी।
मंदिर में राम दरबार
राम मंदिर में भगवान राम की मूर्ति और राम दरबार होगा। मुख्य मंदिर के आगे-पीछे सीता, लक्ष्मण, भरत और भगवान गणेश के मंदिर होंगे। यह अक्षरधाम मंदिर की शैली में बनेगा।
लकड़ी के होंगे दरवाजे
मंदिर निर्माण में लोहे का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। संगमरमर के अलावा लकड़ी के दरवाजे होंगे। मंदिर के निर्माण में करीब 1.75 लाख घन फुट पत्थर की जरूरत होगी।
निर्माण में लगेंगे 3 साल
मंदिर के निर्माण में लगभग ढाई से 3 साल का समय लगेगा। अनुमान है कि 2024 तक मंदिर पूर्णत: निर्मित हो जाएगा।
कई किलोमीटर दूर होंगे दर्शन
बताया जा रहा है कि मंदिर इतना भव्य होगा कि कई किलोमीटर दूर से भी दर्शन हो सकेंगे। मंदिर निर्माण में एक मंडप और एक अतिरिक्त मंजिल के साथ 35 फुट ऊंचे शिखर का विस्तार करने पर मंथन हो रहा है। इसके अलावा अब राम मंदिर में तीन के बजाय पांच गुंबद होंगे।
एक बार में 10 हजार भक्त कर सकेंगे दर्शन
एक बार में सिर्फ मंदिर भवन में 10 हजार से अधिक श्रद्धालु समाहित होकर रामलला के दर्शन कर पाएंगे।
भूकंप भी नहीं हिला पाएगा नींव
भूकंप के लिहाज से उत्तर प्रदेश संवेदनशील जोन- 4 में आता है। मगर अयोध्या समेत अवध का यह हिस्सा जोन थ्री में हैं।
बाकी हिस्से की अपेक्षा खतरा यहां कुछ कम है। इसीलिए राम मंदिर को रिएक्टर स्केल मापन पर आठ से 10 तक का भूकंप सहने लायक बनाया जाएगा।
राम मंदिर का मॉडल
शिल्पी चंद्रकांत सोमपुरा ने 1987 में विहिप के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक सिंघल के कहने पर राम मंदिर का मॉडल तैयार किया था। भारतीय शिल्प शास्त्र के हिसाब से इस मंदिर का निर्माण कराने का फैसला लिया गया है।
40 किलो वजनी चांदी की ईंट
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों भूमि पूजन होना है। इसलिए लगभग 40 किलो वजनी चांदी की ईंट तैयार कराई गई है, जिसे नींव में रखा जाना है।