नई दिल्ली। एक तरफ भारत और चीन के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है, दूसरी तरफ मोदी सरकार की ओर से चीनी ऐप्स को बैन करने का सिलसिला जारी है। बहुत से ऐप बैन किए जा चुके हैं और बहुत सारे बैन होने की कतार में हैं।
चीन के साथ तनाव बढ़ने पर पीएम मोदी ने आत्मनिर्भर भारत का नारा दिया है, जिसके चलते बैन हो रहे ऐप जैसा भारतीय वर्जन बाजार में आने शुरू हो गए हैं।
टिकटॉक जैसे लोकप्रिय ऐप के कई भारतीय वर्जन बाजार में पहले ही आ चुके थे अब ट्विटर का भी भारतीय वर्जन यानी ट्विटर जैसी सुविधाओं वाला भारत का कू ऐप लॉन्च (Koo App launched) हो गया है।
लॉन्च हुआ ‘कू’ ऐप
भारत में अब लैंग्वेज बेस्ड माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म का चलन धीरे-धीरे बढ़ रहा है। इसी बीच Koo App लॉन्च हुआ है जो भारतीय लोगों को अपने खुद की भाषा में अपने आइडिया शेयर करने का प्लेटफॉर्म देगा।
एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में अभी भी ज्यादातर लोग अंग्रेजी के बजाए अपनी भाषा में बात करना पसंद करते हैं।
ऐसे में Koo App जैसा प्लेटफॉर्म काफी महत्वपूर्ण हो सकता है, जहां लोग अपनी भाषा में दूसरों से चैट कर पाएंगे।
कैसे काम करता है ये ऐप?
ये ऐप ट्विटर से काफी मिलता जुलता है। इसमें चीजों को पोस्ट तो किया ही जा सकता है, साथ ही तस्वीरों और वीडियो को अटैच भी किया जा सकता है।
इसके अलावा आप दूसरे के पोस्ट पर कमेंट करने के साथ उसे फॉलो भी कर सकते हैं। इसमें आपको ऑडियो, वीडियो और टेक्स्ट तीनों का ऑप्शन मिलता है।
4 भाषाओं में हुआ लॉन्च
कंपनी ने इस प्लेटफॉर्म में हिंदी के अलावा तमिल, कन्नड, और तेलगु भाषा में लॉन्च किया है।
वहीं कंपनी आने वाले समय में मराठी, गुजराती, पंजाबी, आसामी, बांग्ला, मलयालम, उड़िया जैसी भाषाएं भी इस प्लेटफॉर्म में शामिल करेगी। कंपनी ने अपने इस एप को एंड्रॉइड और iOS दोनों के लिए उपलब्ध करवाया है।
ये हस्तियां जुड़ चुकी हैं ‘Koo’ से
कंपनी के इस प्लेटफॉर्म में पॉलिटिशन, न्यूज पब्लिकेशन, सेलिब्रेटी के साथ कई लोग पहले से ही जुड़े हुए हैं।
कू (Koo) ऐप से भारतीय पूर्व क्रिकेटर अनिल कुंबले, फ़िल्मी जगत से रेणुका शहाणे, आशुतोष शहाणे और धर्म गुरु सदगुरु, कर्नाटक के डिप्टी सीएम डॉ सी एन अश्वथ नारायण पहले से ही जुड़े हुए हैं।
लगातार लॉन्च हो रहे भारत में ऐप
तमान चीनी ऐप बंद होने से भारत में ऐप की दुनिया में बहुत से मौके खुल गए हैं। आत्मनिर्भर होने का नारा देकर मोदी ने युवा पीढ़ी को मेड इन इंडिया ऐप्स बनाने के लिए प्रेरित किया है।
चीनी ऐप्स पर बैन लगने के 6 दिनों में ही भारत के स्टार्टअप समुदाय ने कई वीडियो शेयरिंग और लाइफस्टाइल ऐप लॉन्च कर दिए हैं, जिनके यूजर्स 5 गुना तक बढ़ चुके हैं।