जालंधर। महानगर के वरिष्ठ फोटो जर्नलिस्ट सुरेन्द्र छिन्दा की आज सुबह मृत्यु हो गई। शहर में छिन्दा के नाम से मशहूर फोटोग्राफर की मृत्यु ने पंजाब सरकार के कोरोना वॉरियर माने जाते सेहत विभाग की लापरवाही की कलई खोल दी है। छिन्दा की मृत्यु के बाद खुलासा हुआ है कि सेहत विभाग द्वारा 7 दिन तक कोरोना रिपोर्ट ही नहीं भेजी। रिपोर्ट न मिलने और समय पर ईलाज न होने के कारण छिन्दा की मृत्यु हो गई।
दरअसल, छिंदा को किडनी व शूगर रोग था और उसका इलाज सेक्रेड हार्ट अस्पताल से लगातार चल रहा था। 25 जुलाई को छिंदा की हालत खराब हुयी तो उसको सिविल अस्पताल लाया गया और 26 जुलाई को उसका सैंपल भेजा गया।
उसकी हालत बिगड़ने लगी को निजी अस्पताल के मालिकों और सेक्रेड हार्ट अस्पताल वालों ने छिंदा के परिवार वालों को कहा कि वह दाखिल करने के लिए तैयार हैं लेकिन इसके लिए कोरोना की रिपोर्ट चाहिए। सात दिन तक छिंदा की रिपोर्ट ही नहीं आयी और एक अगस्त को छिंदा इस दुनिया को अलविदा कह गया।
लापरवाही की हो उच्चस्तरीय जांच:सुरिन्द्र पाल
कोरोना वायरस के कारण होम क्वारंटीन पेमा प्रधान सुरिंदर पाल का कहना है कि छिंदा की मौत सरकारी तंत्र की नालायकी के कारण हुई है। सात दिन तक उसकी रिपोर्ट नहीं आयी कि उसको कोराना है या नहीं?
कैप्टन अमरिंदर सिंह को तत्काल इसकी उच्चस्तरीय जांच करवाकर दोषियों को सजा देनी चाहिये। महामारी के बीच अगर सात दिन तक रिपोर्ट नहीं आई तो इसका जिम्मेदार कौन है? पेमा प्रधान सुरिंदर पाल ने कैप्टन से मांग की कि तत्काल परिवार को आर्थिक सहायता के अलावा अन्य सुविधाएं प्रदान की जाए क्योंकि छिंदा की मौत की जिम्मेदार सरकार है।