नई दिल्ली: कोरोना से कमाई प्रभावित होने के बाद भारतीय रेलवे ने अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही डाक मैसेंजर सेवा को बंद करने का फैसला किया है। इस सेवा के स्थान पर संपर्क स्थापित करने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का इस्तेमाल करने के लिए कहा गया है।रेलवे में डाक मैसेंजर सेवा का इस्तेमाल गोपनीय दस्तावेजों को व्यक्तिगत रूप से भेजने में होता है।
सभी जोनल रेलवे को उठाने होंगे जरूरी कदम
खर्च घटाने के संबंध में रेलवे बोर्ड ने 24 जुलाई को सभी जोनल रेलवे को आदेश भेजे हैं। इन आदेशों में कहा गया है,” बोर्ड ने लागत कम करने और स्थापना संबंधी खर्च पर बचत में सुधार का फैसला किया है।
इसके लिए रेलवे पीएसयू, रेलवे बोर्ड सभी प्रकार के डिस्कशन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए करेंगे।” इस आदेश में पर्सनल मैसेंजर/डाक मैसेंजर की बुकिंग तुरंत प्रभाव से रोकने के लिए कहा गया है। अलाउंस, स्टेशनरी, फैक्स और अन्य बचत के लिए इन आदेशों का तुरंत पालन करने के लिए कहा गया है।
चपरासी करते हैं डाक मैसेंजर का काम
रेलवे के डाक मैसेंजर का काम आमतौर पर चयनित चपरासी करते हैं। यह डाक मैसेंजर फाइल और रेलवे नेटवर्क के संवेदनशील डॉक्यूमेंट्स को एक विभाग से दूसरे विभाग या रेलवे जोनल तक पहुंचाने का काम करते हैं। यह सेवा ब्रिटिश सरकार ने तब शुरू की थी, जब इंटरनेट और ई-मेल प्रचलन में नहीं थे।
रेलवे ने नए पदों के निर्माण पर लगाई रोक
इससे पहले भारतीय रेलवे ने नए पदों के निर्माण पर रोक लगा दी है। इसके अलावा रेलवे ने वर्कशॉप्स में मैनपावर रेशनलाइजेशन, आउटसोर्श्ड कार्य को सीएसआर में शिफ्ट करने, सेरेमोनियल फंक्शंस को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाने को कहा है।
रेलवे ने जोनल कार्यालयों को भी स्टाफ कॉस्ट में कटौती करने, स्टाफ के रेशनलाइजेशन और स्टाफ को मल्टीपल टास्क के लिए तैयार करने की सलाह दी है।
डिजिटल तरीके से भेजी जाएं फाइलें
रेलवे ने कहा है कि सभी प्रकार का फाइल वर्क डिजिटल तरीके से किया जाए। फाइल और सभी प्रकार के पत्राचार के लिए सुरक्षित ई-मेल सेवा के जरिए किया जाए।
इसके जरिए स्टेशनरी, कार्टेज और अन्य आइटम्स पर खर्च को 50 फीसदी कम किया जाए। इसके अलावा रेलवे ने सभी जोन को समीक्षा करने और मंत्रालय की सभी गैर लाभकारी शाखाओं को बंद करने के लिए कहा है।