जालंधर (ब्यूरो): जिला जालंधर प्रशासन में कोरोना का हड़कंप मच चुका है। बीते दिन पी.सी.एस. अधिकारी की कोरोना रिपोर्ट पोज़िटिव आने के पश्चात जिला प्रशासन ने एहतियात के तौर पर बड़ा फैसला लिया है।
आदेश दिए गए हैं कि अगर कोई भी अधिकारी कोरोना पोज़िटिव मिलता है तो उसका दफ्तर 72 घण्टे के लिए सील किया जाए। इस लिहाज़ से अब आर.टी.ए. दफ्तर भी 72 घण्टे के लिए सील होगा।
साथ ही निर्देश दिए गए हैं दफ्तर को सैनीटाइज़ किया जाए ताकि कोरोना संक्रमण बढ़ न पाए। साथ ही अब डी.सी. दफ्तर जाने पर भी रोक लगाई गई है। कहा गया है कि बहुत जरूरी हो तो ही दफ्तर लोग आएं। जिला प्रशासन द्वारा आर्डर जारी किए गए हैं।
जिसमें स्पष्ट कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति शिकायतें देने के लिए खुद दफ्तर न आए। शिकायतकर्ता अपनी शिकायतें डी.सी. दफ्तर तक ई-मेल [email protected] पर कर सकता है। बेहद जरूरी होने की सूरत में शिकायतकर्ता डी.सी. दफ्तर में पी.ए. टू डी.सी. या स्टेनो टू डी.सी. को जमा करवा सकता है।
आर.टी.ए. दफ्तर सील!
जिला मैजिस्ट्रेट ने असिस्टेंट कमिशनर को निर्देश दिए हैं कि अगर कोई भी अधिकारी कोरोना पोज़िटिव आता है तो उसका कामकाज देखने के लिए पहले ही बैकअप प्लान तैयार किया जाए।
साथ ही जो अधिकारी पोजिटिव आते हैं तो उनके दफ्तर को अच्छी तरह से सैनीटाइज किया जाए और 72 घण्टे कि लिए सील कर दिए जाएं। ताकि बीमार न फैल सके।
इन आदेशों से स्पष्ट है कि बीते दिन कोरोना पोज़िटिव आए आर.टी.ए. बरजिन्द्र सिंह का दफ्तर भी सेनीटाइज़ के बाद 72 घण्टे के लिए सील किया जाएगा।
ज्ञापन भी ई-मेल के ज़रिए ही
जिला मैजिस्ट्रेट ने निर्देश दिए हैं कि रूटीन में कोई भी जत्थेबंदी अपना मांग पत्र जिला प्रशासन के ज़रिए सरकार तक पहुंचाना चाहती है तो वे भी ई-मेल ([email protected]) ही कर सकेंगे।
साथ ही कहा गया है कि सरकारी दफ्तरों में भी सरकारी हिदायतों के मुताबिक 50-50 प्रतिशत के अनुपात से ही डियूटी रोस्टर तैयार किए जाएं।