चंडीगढ़ (ब्यूरो): राज्य के सी.एम. कैप्टन अमरेंद्र सिंह बड़ी दुविधा में फंसे हुए हैं। एक दुविधा ये है कि अज्ञातवास में चल रहे नवजोत सिद्धू को पार्टी के अंदरूनी विरोध के बिना एडजस्ट किया जाए और दूसरी दुविधा ये है कि विनी महाजन को चीफ सैक्रेटरी बनाए जाने के पश्चात उनसे सीनीयर आई.ए.एस. अधिकारियों को कैसे एडजस्ट करें।
ऐसी स्थिति में कैप्टन अमरेंद्र सिंह बेहद ही फूंक-फूंक कर कदम रख रहे हैं। मंत्रीमंडल और प्रशासनिक स्तर पर फेरबदल तो संभावित है ही, लेकिन तथ्य ये है कि ऐसा कोई फैसला न हो जाए जिससे पार्टी स्तर पर विद्रोही स्वर उभरें।
बता दें कि पिछले दिनों नवजोत सिद्धू को लेकर एक बार फिर चर्चाएं तेजी से चल रही हैं। चाहे आम आदमी पार्टी के नेताओँ से संपर्क को लेकर हो या फिर पंजाब कांग्रेस मंत्रीमंडल में डिप्टी सी.एम. पद मिलने की।
कांग्रेस के आला सूत्रों के मुताबिक एक तथ्य तो लगभग स्पष्ट हो चुका है कि नवजोत सिद्धू को पंजाब सरकार में उनकी मनमर्जी का पद मिल जाएगा। लेकिन सिर्फ चर्चा के साथ ही पार्टी में उठे विद्रोही स्वर कैप्टन को परेशानी में डाले हुए हैं।
प्रशासनिक स्तर पर भी फेरबदल तय
उधर, दूसरा बीते दिन प्रशासनिक स्तर पर हुए तबादलों में विनी महाजन को सी.एस. बना दिया गया। इस नियुक्ति पर वरिष्ठता सूची में विनी महाजन से ऊपर आई.ए.एस. अधिकारी ज्यादा खुश नहीं हैं।
प्रोटोकॉल के अनुसार अगर किसी सीनियर अधिकारी की अवहेलना करके किसी जूनियर अधिकारी को उसके ऊपर लगाया जाता है।
आम तौर पर सीनियर अधिकारी अपने से जूनियर अधिकारी की बैठकों में जाना पसंद नहीं करते और अपने जूनियर अफसर को ही भेजते हैं। ऐसे में कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार पर सीनियर अधिकारियों को एडजस्ट करने का दबाव है।
ऐसी स्थिति में वरिष्ठ आई.ए.एस. अधिकारियों को एडजस्ट करने के लिए बड़े स्तर पर प्रशासनिक फेरबदल एक बार फिर तय है।
करण अवतार सिंह फिलहाल दो माह की छुट्टी पर
विनी महाजन के चीफ सेक्रेटरी बनने के बाद अब चार अधिकारी ऐसे हैं, जो विनी महाजन से सीनियर हैं और इस समय पंजाब में ही विभिन्न पदों पर तैनात हैं।
दो अधिकारी केंद्रीय डेपुटेशन पर हैं। 1984 बैच में सबसे सीनियर केबीएस सिद्धू हैं, जिन्हें कुछ दिन पहले ही महात्मा गांधी प्रशासनिक संस्थान में डायरेक्टर जनरल नियुक्त किया गया है।
वह मुख्यत: चीफ सेक्रेटरी के अधीन कोई मीटिंग नहीं करते। इसी बैच में हाल ही में चीफ सेक्रेटरी के पद से हटाए गए करण अवतार सिंह भी हैं, जिन्हें गवर्नेंस रिफार्मस का स्पेशल चीफ सेक्रेटरी नियुक्त किया गया है। इसीलिए वह दो महीनों के लिए अवकाश पर चले गए हैं।
सतीश चंद्रा और कल्पना मित्तल को लेकर भी चर्चा
इसके अलावा 1985 बैच के सतीश चंद्रा और इसी बैच की कल्पना मित्तल बरुआ का मुख्य सवाल है। सतीश चंद्रा के पास गृह विभाग है तो कल्पना मित्तल बरुआ सहकारिता विभाग की एडिशनल चीफ सेक्रेटरी हैं। दोनों अधिकारियों को सरकार ने स्पेशल चीफ सेक्रेटरी का स्टेटस दिया है।
बताया जा रहा है कि करण अवतार सिंह को पंजाब वाटर रेगुलेटरी अथॉरिटी के चेयरमैन की जिम्मेदारी दी जा सकती है। उनके ऑर्डर अगले हफ्ते तक होने की उम्मीद है। सितंबर में रिटायर हो रहे सतीश चंद्रा को अगले साल अप्रैल में बिजली रेगुलेटरी कमीशन में लगाने की चर्चा है।