नई दिल्ली (ब्यूरो): केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश पर बनाई गई डॉ. वीके पॉल समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इस समिति ने प्राइवेट अस्पतालों में 60% बेड्स पर कोरोना मरीजों के लिए सस्ते इलाज की सिफारिश की है।
रिपोर्ट में रेट को लेकर की गई सिफारिश के मुताबिक, साधारण आइसोलेशन बेड के लिए अस्पतालों को 8,000-10,000 रुपए प्रति दिन के हिसाब से चार्ज करना चाहिए। इसी तरह ICU बिना वेंटीलेटर के 13,000 से 15,000, ICU वेंटीलेटर के साथ 15,000 से 18,000 रुपए प्रतिदिन हो।इसी में PPE का खर्च शामिल होगा।
फिलहाल प्राइवेट अस्पतालों में प्रतिदिन साधारण आइसोलेशन बेड के लिए 24,000-25,000 रुपए, ICU बिना वेंटीलेटर के 34,000-43,000 रुपए और ICU वेंटीलेटर के साथ के लिए 44,000 से 54000 वसूले जा रहे हैं। इसके अलावा अभी प्राइवेट अस्पताल PPE का चार्ज अलग से कैटेगरी के हिसाब से चार्ज कर रहे हैं।
पैकेज सिस्टम के बारे में ये सिफारिश
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि जिस रेट पर भी प्राइवेट हॉस्पिटल बेड के लिए सिफारिश की जाएगी, वह एक पैकेज की तरह होगा। यानी इसमें बेड, खाना, निगरानी, नर्सिंग केयर डॉक्टर की विजिट या कंसल्टेशन, इमेजिंग जैसी इन्वेस्टिगेशन, ऑक्सीजन, ब्लड ट्रांसफ्यूजन, पुरानी गंभीर बीमारी आदि सब शामिल होगा।
रिपोर्ट में खासतौर से बताया गया है कि जिन लोगों को गंभीर बीमारी भी होगी जैसे कि हाइपरटेंशन, डायबिटीज, दिल की बीमारी आदि… यह सब पैकेज का हिस्सा होंगी। जब तक कोरोना का इलाज चलेगा।
अस्पताल कुछ अलग से चार्ज नहीं कर सकेगा. इसका सीधा मतलब यह है कि समिति ने रोजाना प्रति बेड रेट्स की जो सिफारिश की है, पूरा पैकेज उसी आधार पर अस्पताल को बनाना होगा।
उदाहरण के लिए समिति ने आइसोलेशन बेड (सपोर्टिव केयर और ऑक्सीजन शामिल) के लिए रोजाना 10,000 का रेट तय किया है। अगर मरीज 14 दिन तक अस्पताल में रहता है तो इस हिसाब से पैकेज 1,40,000 का होगा।
समिति की सिफारिश के मुताबिक, कोरोना मरीज बच्चे के लिए भी यही रेट लागू होंगे। प्रेग्नेंट महिला की डिलीवरी इन रेट में कवर नहीं होगी। सिफारिश किए गए रेट में डायग्नोस्टिक टेस्ट के खर्च शामिल नहीं हैं।