चंडीगढ़ (ब्यूरो): पंजाब में कोरोना के मरीजों से निजी अस्तालों द्वारा ज्यादा फीस लिये जाने के मामले पर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने अस्पतालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और उनका लाइसेंस रद्द करने की चेतावनी दी है।
उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार जल्द ही मरीजों और निजी अस्पतालों दोनों के हितों को ध्यान में रखते हुए कोविड के इलाज के लिए फीस पर फैसला करेगी। लेकिन सरकार किसी भी कीमत पर इस नाजुक समय में मरीजों का शोषण नहीं होने देगी।
सिद्धू ने कहा कि ‘यह भयावह संकट है जब हर कोई अस्तित्व के लिए लड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर कुछ बेईमान निजी अस्पतालों ने असहाय रोगियों को बेईमानी और लूट का सहारा बनाने की कोशिश की है।’
सिद्धू ने कहा कि ‘यह दुखद और शर्मनाक है कि इस महामारी से लड़ने की दिशा में सकारात्मक योगदान देने के बजाय कुछ अस्पतालों ने जबरन वसूली की। जिसकी अनुमति किसी भी कीमत पर नहीं दी जाएगी।
पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री ने चेतावनी दी कि इसमें शामिल अस्पतालों के लाइसेंस रद्द कर दिए जाएंगे और उनकी सभी सुविधाएं वापस ले ली जाएंगी। उन्होंने कहा कि सरकार के पास इन्हें दी गई जमीनें वापस लेने का अधिकार भी है।
सोमवार को फीस पर विशेष बैठक
मंत्री ने कोविड रोगियों के इलाज की फीस तय करने के लिए सोमवार को एक विशेष बैठक बुलाई है। उन्होंने कहा, सभी का ध्यान रखा जाएगा। हम नहीं चाहते कि निजी अस्पतालों को कोई वित्तीय नुकसान हो, लेकिन हम किसी भी कीमत पर जबरन वसूली नहीं होने देंगे।’
सिद्धू ने कहा कि कोविड के अधिकांश रोगियों को किसी विशेष इलाज या विशेष सेवा की आवश्यकता नहीं है। उन्हें केवल ऑब्जर्वेशन में रखना है। खाने और दवाएं देनी हैं। इसके लिए अस्पतालों को उतने पैसे चार्ज करने की जरूरत नहीं है जितना वे अभी कर रहे हैं।