नई दिल्ली (ब्यूरो): देश के सबसे बड़े बैंक यानी भारतीय स्टेट बैंक ने लगातार 13वीं बार MCLR में कटौती किया है। SBI ने सोमवार को इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि नई दरें 10 जून 2020 से लागू हो जाएंगी।
SBI ने मॉजिर्नल कॉस्ट ऑफ फंड बेस्ड लेंडिंग रेट्स (MCLR) में 25 आधार अंक यानी 0.25 फीसदी की कटौती की है। इसके बाद एक साल का MCLR घटकर 7 फीसदी हो गया है।
इसके साथ ही, SBI ने बेस रेट में भी 75 आधार अंकों की कटौती किया है। SBI ने एक बयान में बताया कि इस कटौती के बाद बेस रेट 8.15 फीसदी से घटकर 7.40 फीसदी हो गया है। इसे भी 10 जून से लागू कर दिया जायेगा।
इन दरों में भी कटौती
बैंक ने बताया कि RBI द्वारा ब्याज दरों में 40 आधार अंकों की कटौती का पूरा लाभ ग्राहकों को दिया जाएगा। RBI ने बीते 22 मई को ब्याज दरों में कटौती का ऐलान किया था। एक्सटर्नल बेंचमार्क लिंक्ड लेंडिंग रेट (EBR) और रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) भी 40 आधार अंक घट जाएगा।
EBR मौजूदा 7.05 फीसदी से घटकर 6.65 फीसदी और RLLR मौजूदा 6.65 फीसदी से घटकर 6.25 फीसदी हो जाएगा। बैंक ने बताया कि EBR को 1 जुलाई से लागू कर दिया जाएगा। जबकि RLLR को 1 जून से लागू कर दिया गया है।
कितनी घटेगी आपकी EMI
SBI द्वारा ब्याज दरों में कटौती का फायदा लोन लेने वाले ग्राहकों कम EMI के रूप में मिलेगा। अगर किसी ग्राहक ने SBI से 30 साल के लिए 25 लाख रुपये का लोन लिया है तो MCLR में कटौती से प्रति महीने 421 रुपये कम EMI देनी होगी। इसी प्रकार अगर किसी ग्राहक ने EBR/RLLR लिंक्ड लोन लिया है तो उनकी ईएमआई प्रति महीने 660 रुपये तक घट जाएगी।
क्या होता है MCLR?
बैंकों के लिए लेंडिंग इंटरेस्ट रेट तय करने के फॉर्मूले का नाम मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड लेंडिंग रेट है। RBI द्वारा बैंकों के लिए तय फॉर्मूला फंड की मार्जिनल कॉस्ट पर आधारित है।
इस फॉर्मूले का उद्देश्य कस्टमर को कम इंटरेस्ट रेट का फायदा देना और बैकों के लिए इंटरेस्ट रेट तय करने की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाना है।