नई दिल्ली (ब्यूरो): भारत में रविवार को कोरोना वायरस के रिकॉर्ड 9,971 मामलों की पुष्टि हुई। मगर कोरोना के चलते सबसे मुश्किल दौर से गुजर रहे मुंबई और दिल्ली जैसे शहरों को आने वाले वक्त में और परेशानी का सामना करना पड़ा सकता है।
शोधकर्ताओं ने भविष्यवाणी की कि कोरोना मरीज की संख्या बढ़ने पर इन शहरों में केस चोटी पर पहुंच सकते हैं। बेंगलुरु स्थित द इंटरनेशनल सेंटर ऑफ थ्योरिटिकल साइंस (ICTS) (टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च की एक यूनिट) के शोधकर्ताओं ने ये भी भविष्यवाणी की कि दोनों शहरों में जुलाई और सितंबर के बीच कोरोना मरीजों की संख्या चोटी पर हो सकती है।
हाल के दिनों में दोनों शहरों में रोजाना आ रहे मरीजों की संख्या और कुछ धारणाओं के आधार पर ये पूर्वानुमान लगाया गया है।
ICTS के शोध में सुझाव दिया गया कि मुंबई में मरीजों की संख्या रोजाना 8,000 से 24,000 और दिल्ली में 12,000 से 35,000 के बीच पहुंच सकती है, जो स्पर्शोन्मुख रोगियों के अनुपात और अन्य कारकों के साथ संक्रमण की अवधि पर निर्भर करता है।
ये दैनिक रूप से पिछले तीन दिनों में तुलनात्मक रूप से देश में 9,000 से अधिक मामलों की राष्ट्रव्यापी बढ़ोतरी के बराबर है। शोध में कुल मौतों की भी भविष्यवाणी की है जो दिल्ली में 9,000 से 28,000 और मुंबई में 6,000 से 19,000 के बीच हो सकती है।
कॉम्प्लेक्स फिजिकल सिस्टम पर शोध करने वाले एक ICTS शोधकर्ता अभिषेक धर ने बताया कि लोगों को फिजिकल डिस्टेंसिंग और चेहरे पास मास्क पहनना और हाथ की स्वच्छता को गंभीरता से पालने करने की जरुरत है।
ICTS से पहले AIIMS डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने भी चेताते हुए बताया कि देश में कोरोना वायरस का पीक पर आना अभी बाकी है। उन्होंने कहा कि अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग समय पर कोरोना वायरस के मामले बढ़ सकते हैं।