नई दिल्ली (ब्यूरो): बीते एक माह से देश में कई बार भूकंप आया है। रात से सुबह तक तीन बार देश की धरती थर्राई। सबसे पहले देर रात मेघालय में हल्की तीव्रता का भूकंप आया, तो इसके बाद सुबह कर्नाटक और झारखंड में भूकंप के झटके महसूस किए गए। अभी तक इन भूकंपों से किसी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर सामने नहीं आई है।
कर्नाटक में शुक्रवार सुबह 7वीं शताब्दी के मंदिरों के कई खंडहरों वाले एक प्राचीन गांव हंपी में कम तीव्रता का भूकंप आया। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने कहा, “रिक्टर स्केल पर 4.0 की तीव्रता वाले भूकंप ने आज सुबह 06:55 बजे कर्नाटक के हंपी में तबाही मचाई।” कर्नाटक में नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी द्वारा इसकी पुष्टि की गई।
वहीं, रिक्टर स्केल पर 4.7 की तीव्रता का एक और भूकंप झारखंड के जमशेदपुर में आज सुबह 06:55 बजे आया। हालांकि दोनों ही भूकंप हल्की तीव्रता के थे। जबकि शुक्रवार रात 1.43 बजे मेघालय में 2.3 तीव्रता का भूकंप आया। चेरापूंजी के 49 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम इलाके में इसका केंद्र जमीन के 10 किलोमीटर भीतर पाया गया।
इससे पहले पिछले कुछ महीनों में दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में सामान्य तौर पर दो से तीन भूकंप देखे गए हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस साल 12 अप्रैल से 3 जून तक, नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) द्वारा दिल्ली-एनसीआर में कुल 11 भूकंप दर्ज किए गए हैं। इस साल भूकंपों की सबसे अधिक संख्या मई 2020 में दर्ज की गई है।
बुधवार को दिल्ली-एनसीआर के कुछ हिस्सों में रात 10:42 बजे मध्यम तीव्रता के भूकंप ने लोगों में दहशत पैदा कर दी। भूकंप का केंद्र नोएडा के 19 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में था। तीन जून को आने वाला भूकंप पांच दिनों में दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र को दहशत में डालने वाला तीसरा झटका था।
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने कहा कि कुछ दिन पहले हरियाणा के रोहतक में शुक्रवार को एक घंटे के अंतराल में दो भूकंप आए। लोगों ने इसके झटके महसूस किए। रोहतक दिल्ली से लगभग 60 किमी दूर है। पहला भूकंप 4.6 मध्यम तीव्रता वाला हरियाणा शहर में 5 किमी की गहराई पर 9.08 बजे रात आया।