नई दिल्ली (ब्यूरो): देशभर में कोरोना वायरस का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है और 2 लाख से ज्यादा लोग इस महामारी की चपेट में आ रहे हैं, लेकिन इस बीच अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने दावा किया है अब कोरोना वायरस कम घातक हुआ है।
डॉक्टर रणदीप गुलेरिया का कहना है कि शुरुआत में कोरोना वायरस काफी गंभीर लक्षण वाला था, लेकिन अब इसकी मारक क्षमता में कमी आई। अब 90 फीसदी से अधिक मरीज हल्के लक्षण वाले सामने आ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ज्यादा प्रभाव वाले मरीजों को शुरुआत में आइसोलेशन में रखा गया, इसलिए वायरस ज्यादा नहीं फैला. देश में 80 प्रतिशत मामले 12 से 13 शहरों में आए हैं।
यदि हमने हॉटस्पॉट नियंत्रित कर लिए तो पीक दो से तीन हफ्ते में आ जाएगा। केस कम हों और दोगुना होने में ज्यादा वक्त लगेगा तो पीक जल्द आएगा। उन्होंने कहा कि भारतीयों में रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक होती है, क्योंकि हममें से अधिकांश को बीसीजी टीकाकरण लगा है। भारत में आईसीयू और वेंटिलेटर वाले रोगियों की संख्या काफी कम है।
डॉ. गुलेरिया ने कहा, हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन और रेमडिसवीर दवाओं पर ट्रायल चल रहे हैं। रेमडिसवीर से रोगियों का अस्पताल में रुकने का समय कम होता है, लेकिन गंभीर मरीजों में मृत्यु दर कम होती हो ऐसा नहीं है।हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन हल्के लक्षण वाले स्वास्थ्यकर्मियों के लिए लाभदायक रही है। एम्स डायरेक्टर ने कहा कि भारत में अभी कम्युनिटी ट्रांसमिशन नहीं हुआ है, लेकिन लोगों को हॉटस्पॉट में सतर्क रहने की जरूरत है।
ऐसे स्थानों पर चेन ब्रेक करने की जरूरत है और इसके लिए लोगों को जिम्मेदारी निभानी होगी। यदि लोगों ने ध्यान नहीं रखा तो दो सप्ताह में इसका असर दिखेगा।केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार देशभर में 207615 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं और अब तक 100302 लोग ठीक भी हो चुके हैं।
देश में कोविड-19 से अब तक 5815 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और एक व्यक्ति देश छोड़कर जा चुका है, जबकि देश में कोरोना के 101497 एक्टिव केस मौजूद हैं।