नई दिल्ली (ब्यूरो): टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने ऐलान किया है कि मोबाइल नंबरिंग स्कीम में कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है। ट्राई ने स्पष्ट करते हुए बताया कि उसने डायलिंग पैटर्न में बदलाव का सुझाव दिया है। आइए जानें ट्राई की सिफारिशों के आधार पर क्या बदल सकता है और क्या नहीं…
ट्राई ने मोबाइल के लिए 11 अंकों की नंबरिंग योजना की सिफारिश नहीं की है। ट्राई ने कहा कि उसने मोबाइल के लिए 11 अंकों की नंबरिंग स्कीम को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया है।
भारत में मोबाइल फोन के लिए 10 अंकों की संख्या जारी रहेगी।
ये हो सकते है बदलाव
TRAI ने फिक्स्ड लाइन से कॉल करते समय मोबाइल नंबर के आगे ‘0’ लगाने की भी बात कही है। फिलहाल फिक्स्ड लाइन कनेक्शन से इंटर-सर्विस एरिया मोबाइल कॉल्स करने के लिए पहले ‘0’ लगाना पड़ता है। जबकि मोबाइल से लैंडलाइन पर बिना ‘0’ लगाए भी कॉलिंग की जा सकती है।
ट्राई का कहना है कि डायलिंग पैटर्न में यह बदलाव भविष्य की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए है, जो मोबाइल सेवाओं के लिए 2544 मिलियन अडिशनल नंबरिंग रिसोर्स उत्पन्न करेगा।
ट्राई ने अपनी सिफारिशों में कहा है कि फिक्स्ड-टू-फिक्स्ड, मोबाइल-टू-फिक्स्ड और मोबाइल-टू-मोबाइल कॉल्स के लिए डायलिंग प्लान में कोई बदलाव करने की जरूरत नहीं है।
इसलिए नहीं 11 डिजीट का नहीं हुआ नम्बर
परामर्श के दौरान ज़्यादातर दूरसंचार ऑपरेटरों ने मोबाइल नंबरों के लिए 11 अंकों की संख्या का विरोध किया। उनके मुताबिक 11 अंकों की नंबरिंग स्कीम सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर के लिए बड़े पैमाने पर कॉन्फ़िगरेशन मॉडिफिकेशन की ज़रूरत पड़ेगी, जिसका मतलब ये हुआ टेलीकॉम कंपनियों के लिए अडिशनल लागत। साथ ही ये ग्राहकों के लिए कंफ्यूजन और असुविधा भी पैदा करेगी।