चंडीगढ़ (ब्यूरो): पंजाब में नांदेड़ के हजूर साहिब से लौटे 4200 से अधिक श्रद्धालुओं में से एक हजार से ज्यादा केस पॉजिटिव आ चुके हैं। अभी इनकी संख्या बढ़ ही रही है। वहीं, कोरोना को लेकर पंजाब में एक और विस्फोट हो सकता है। इसकी आशंका खुद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने व्यक्त की है। 21 हजार NRI पंजाब में आने वाले हैं। उन्हाेंने राज्य के सेहत विभाग से कहा कि इन NRI के यहां आने से कोरोना संकट बढ़ सकता है। इसलिए अधिक सतर्कता बरतें। ये एनआरआइ शिप के जरिए भारत लौट रहे हैं। शुक्रवार को पहला शिप भारत पहुंच सकता है। कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि खाड़ी देशोंं से कामगारों की वापसी के साथ राज्य में रोग फैलने का बड़ा खतरा मंडरा रहा है।
कैप्टन ने कहा कि पंजाबियों खास कर कामगारों के चार समुद्री जहाज अगले कुछ दिनों में पहुंचने की उम्मीद है, जबकि एनआरआइज को लेकर पहला जहाज वीरवार को पहुंच सकता है। बाकी राज्यों से भी अगले दिनों में करीब 12000 पंजाब आ रहे हैं।
अप्रैल में राजस्व का 88 फीसदी का नुकसान
राजस्व पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि अप्रैल में 88 फीसदी तक राजस्व का घाटा हुआ है। 3360 करोड़ का राजस्व एकत्रित होने की उम्मीद थी, लेकिन केवल 396 करोड़ की ही आय हुई। बिजली का उपभोग 30 फीसद तक घटने से पंजाब राज्य बिजली निगम लिमिटेड को बिजली दरों में रोज 30 करोड़ का घाटा हो रहा है। केंद्र सरकार की तरफ से राज्य के जीएसटी का करोड़ों बकाया की भी अदायगी अभी तक नहीं की गई है। वीडियो कांफ्रेंसिंग में पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह और राहुल गांधी भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य को वित्तीय व औद्योगिक पक्ष से फिर पैरों पर खड़ा करने के लिए मोंटेक सिंह आहलूवालिया के नेतृत्व में माहिर समूह की प्राथमिक रिपोर्ट अगामी तीन महीनों में मिलने की संभावना है। इसके बाद एक महीने में इसको मुकम्मल अंतिम रूप दिया जाएगा।
जोन के वर्गीकरण का फैसला राज्यों पर छोड़ा जाए
मुख्यमंत्री ने राय रखी कि रेड, ऑरेंज व ग्रीन जोन के वर्गीकरण का फैसला राज्यों पर छोड़ देना चाहिए, जिस कारण डिप्टी कमिश्नरों को जमीनी हकीकत के अनुसार क्षेत्रों की निशानदेही के लिए अधिकृत किया जा सकता है। पटियाला को रेड जोन घोषित किए जाने की मिसाल देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्य तौर पर दूध का उत्पादन करने वाला नाभा भी इस जिले का ही हिस्सा है। पंजाब में इस मौके पर चार कंटेनमेंट जोन और चार रेड जोन जिले हैं। इसके अलावा 15 जिले ऑरेंज जोन में और बाकी रहते तीन ग्रीन जोन में हैं। राज्य में रोजमर्रा के 2500 रेगुलर टेस्ट किए जा रहे हैं और अब तक 30199 टेस्ट किए जा चुके हैं।