नई दिल्ली (ब्यूरो): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज एक बार फिर मन की बात देशवासियों से की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर मन की बात के दौरान मास्क लगाने तथा दो गज दूरी बनाए रखने का आहवान किया है। प्रधानमंत्री ने आगाह किया है कि ऐसा नहीं की जिस एरिया या जिला में कोरोना संक्रमण नहीं है वहां हो नहीं सकता या दोबारा नहीं होगा।
प्रधानमंत्री ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि समस्या अभी टली नहीं है। इसके लिए अभी भी परहेज तथा संयम बरतना होगा। प्रधानमंत्री ने मास्क लगा कर रखने को जोर देते हुए कहा कि दो गज दूरी बेहद जरूरी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस वैश्विक महामारी के संकट के बीच परिवार के सदस्य के नाते कुछ संकेत और सुझाव दे रहा हूं आत्मविश्वास में कतई न फंसे। कई ऐसा विचार न पालें की शहर, गली में अभी तक कोरोना पहुचा नहीं है। इसलिए अब पहुंचने वाला नहीं है।
दुनिया के हालात सामने हैं, जिससे स्पष्ट है कि सावधानी हटी, तो दुर्घटना घटी। हल्के में लेकर छोड़ दी गई बीमारी मौका पाते ही दोबारा बढ़ कर खतरनाक हो जाती है। इसका पूरी तरह उपचार आवश्यक है। अति उत्साह में स्थानीय स्तर पर कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए। हमेशा ध्यान रखना ही होगा। फिर एक बार कहूंगा, दो गज दूरी बनाए रखें।
मास्क पहनना अनिवार्य, थूकने की गल्त आदत छोड़ें
प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी देशवासी मास्क अवश्य पहने और साथ ही जगह जगह थूकना नहीं है। इसी वजह से कोरोना संक्रमण हो सकता है।यहां वहां थूक देना गल्त आदत का हिस्सा बना था। समय है कि इस बुरी आदत को खत्म कर दिया जाए। देर भले हो गई हौ, थूकने की आदत छोड़ देनी चाहिए, ये बातें कोरोना संक्रमण को रोकने में मदद होगी।
हर राष्ट्रध्यक्ष कह रहा है थैंक्यू इंडिया
प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसी महामारी के दौरान भी भारत ने अपने संस्कृति बनाए रखी। दूसरे देशों तक दवाईयां पहुंचाई। हालांकि न भी भेजते तो भारत दोषी नहीं था। लेकिन अपना कर्तव्य निभाया।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि अब जब अनेक देशों के राष्ट्रध्यक्षों से बात होती है तो वे थैंक्यू इंडिया कहते हैं। बहुत गर्व होता है ये सुनकर।
डिज़ीटल प्लेटफार्म से जुड़े सवा करोड़ लोग
सरकार ने एक डिज़ीटल प्लेटफार्म covidwarriors.gov.in तैयार किया है। सभी सोसाइटी, स्थानीय प्रशासन को एक साथ जोड़ दिया है। सवा करोड़ लोग इनमें जुड़ चुके हैं। डाक्टर, नर्सिस, एन.एस.एस. एन.सी.सी. के सभी जुड़े हैं।
ये लोग स्थानीय स्तर पर मदद कर रहे हैं। आप भी covidwarriors.gov.in से जुड़ कर सेवा कर सकते हैं। कोविड वॉरियर बन सकते हैं।
पिपल ड्रिवन है ये लड़ाई
भारत में कोरोना के खिलाफ लड़ाई जनता लड़ रही है। आप लड़ रहे हैं। जनता के साथ मिलकर शासन, प्रशासन लड़ रहा है। भारत जैसा विशाल देश गरीबी से निण्रायक लड़ाई लड़ रहा है।
हम भाग्यशाली है आज पूरा देश देश का हर नागरिक जन जन इस लड़ाई का सिपाही है। लड़ाई का नेतृत्व कर रहा है। कहीं भी नज़र डालिए, ऐसा लगेगा कि भारत की लड़ाई पिपल ड्रिवन है। भविष्य में जब भी इस विषय पर चर्चा होगी, तौर तरीकों की चर्चा होगी। विश्वास है कि पिपल ड्रिवन लड़ाई की चर्चा होगी।
हर कोई कर रहा है एक दूसरे की मदद
किसान महामारी के बीच खेतों में काम कर रहे हैं। हर कोई सामर्थ्य के हिसाब से इस लड़ाई से लड़ रहा है। कोई किराया माफ कर रहा है कोई फंड में अपनी तनख्वाह दान दे रहा है। साथियों दूसरों की मदद के लिए आपके भीतर ह्रदय के किसी कोने में उमड़ता का भाव है, वही कोरोना के खिलाफ भारत की लड़ाई को ताकत दे रहा है।
कोने कोने तक पहुंचाई 500 टन मैडीकल सामग्री
हमारे एवीएशन सैंटर, रेलवे कर्मचारी दिन रात काम कर रही हैं। कम लोगों को मालूम होगा। देश के कोने कोने तक दवाइयां पहुंचाने के लिए 3 लाख किलोमीटर हवाई उड़ान भरी है। 500 टन से अधिक मैडीकल सामग्री देश के कोने कौने में पहुंचाया है। रेलवे के साथी भी लगातार मेहनत कर रहे हैं।इस काम के लिए भारतीय रेलवे करीब 60 से अधिक मार्ग पर 100 से ज्यादा पार्सल ट्रेन चल रही है। सभी साथी कोरोना वॉरियर ही है। गरीबों के अकाउंट में पैसे, मुफ्त गैस सिलैंडर, राशन की सुविधाएं भी दी जा रही हैं। सरकार के अलग अलग विभागों के लोग एक टीम की तरह काम कर रहे हैं।
स्वास्थ्य कर्मियों के हितों के लिए कड़ा कानून
देश भर के स्वास्थ्य विभाग से जुड़े लोगों ने अध्यादेश का स्वागत किया है। जिसमें स्वास्थ्य विभाग से कड़ा कानून बनाया गया है। समाज के नज़रिए में भी व्यापक बदलाव आया है।
जीवन से जुड़े हर व्यक्ति की अहमियत का एहसास हुआ है। देश के हर कौने से ऐसी तस्वीरें आ रही हैं, सफाई कर्मियों की प्रशंसा कर रहे हैं। पुलिस व्यवस्था को लेकर भी आम जनता की नकारात्मक सोच में काफी बदलाव हुआ है।
आज पुलिस वाले जरूरतमंदों को खाना, दवा पहुंचा रहे हैं। जिस तरह से मदद के लिए पुलिस सामने आ रही है। पुलिस का मानवीय और संवेदनशील पक्ष सामने आया है। ऐसे अवसर पर पुलिस के साथ भावनात्मक दृष्टि से जुड़ रहे हैं।