चंडीगढ़ (ब्यूरो): मानव कल्याण के लिए समर्पित एक आध्यात्मिक संस्था संत निरंकारी मिशन दुनिया भर में आई कोविड-19 आपदा में इंसानियत की अनूठी मिसाल पेश कर रही है। 25 मई 1929 को बाबा बूटा सिंह जी के द्वारा शुरु किए गए इस मिशन को आज निरंकारी सद्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज बखूबी आगे बढा रही हैं।
संस्था की अब तक की सबसे कम उम्र की प्रमुख मानी जाती सद्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने इस आपदा में एक गरीब का चूल्हा जलाने से लेकर देश के प्रधानमंत्री तक को राहत देने में सबसे आगे खडी हैं।
खुद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निरंकारी मिशन की अभूतपूर्व मदद की खुलकर तारीफ की है। करोडों भक्तों वाले संत निरंकारी मिशन आज पूर्व की तरह इस आपदा में भी देश और दुनिया में निस्वार्थ भाव से काम कर रही है।
चारों ओर खुशहाली हो : सदगुरु माता जी
संत निरंकारी मिशन आध्यात्मिक जागरुकता के अपने मूल विचारधारा के साथ पिछले 90 वर्षों से समाज के सामाजिक उत्थान, राहत और पुनर्वास में योगदान दे रहा है।
मिशन के पिछले गुरुओं के भांति इस प्रेम भाईचारे वाले मिशन को वर्तमान सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज भी मिशन को आगे लेकर जा रहे हैं।
सदगुरु माता जी ने भक्तों का मार्गदर्शन करते हुए कहा है कि हमें सेवा करते समय स्वास्थ्य एजेंसियों और सरकारी निर्देशों का बारीकियों से पालन करना है। सोशल डिस्टेंस रखते हुए मुंह पर मास्क हाथो में ग्लब्ज़ पहन कर सेनिटाइजर का इस्तेमाल करते हुए सेवाएं निभानी हैं।
सदगुरु माता जी का कहना है कि इस संसार मे रहने वाले बहन-भाई सब अपने हैं और उनकी सेवा करना हमारा कर्तव्य है। हम किसी पर अहसान नही कर रहें हैं।
मिशन देश के साथ खड़े होने की प्रतिज्ञा करता है, वर्तमान संकट को जल्द से जल्द दूर करने के लिए प्रार्थना करता है, ताकि चारों ओर खुशहाली हो।
संत निरंकारी मिशन ने राहत कोष में दिए 5 करोड़
निरंकारी मिशन ने हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री राहतकोष में प्रत्येक को 50—50 लाख तथा प्रधानमंत्री राहत कोष में पांच करोड़ रुपये का योगदान दिया है। इसके अलावा हर दिन लगभग देश भर में प्रभावित 5 लाख से अधिक लोगों को लंगर एवं राशन बांटा जा रहा है।
लॉकडाउन के दिन से ही मिशन सेवा में जुटा
निरंकारी सदगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के आशीर्वाद से संत निरंकारी मिशन के प्रबंधक एवं सेवादार संत देश भर के लाखों लाखों भाइयों और बहनों तक पहुचे जो कोरोनो वायरस के वैश्विक प्रसार के कारण एवम देश में पूर्ण लॉकडाउन से प्रभावित हुए है।
24 मार्च को जैसे ही भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश भर में लॉकडाउन की घोषणा की, संत निरंकारी मंडल को एहसास हुआ कि जरूरतमन्दों एवं उनके परिवारों के लिए जीवनावश्यक खाद्य पदार्थों की जरूरत होगी।
लिहाजा संत निरंकारी मंडल ने जरूरतमंद परिवारों को भोजन एवं राशन प्रदान करने के लिए पूरे भारतवर्ष में स्थापित मिशन के सभी 95 ज़ोनों पर और 3000 से अधिक शाखाओं को खाद्य सामग्री एवम भोजन वितरण की सेवा का संदेश भेजा।
उस दिन से, निरंकारी मिशन के भक्त और संत निरंकारी सेवादल के स्वयंसेवक रोजाना लाखों लोगों को राशन और लंगर प्रदान कर रहे हैं।
50 हजार लोगों को ताजा भोजन परोस रहा है मिशन
संत निरंकारी मिशन हर दिन लगभग 50 हजार लोगों को ताजा तैयार किया हुआ लंगर बाँटा जा रहा है। भारत के प्रमुख और यहां तक कि छोटे शहरों में भी निरंकारी मिशन की शाखाएं किसी न किसी तरह से योगदान दे रही हैं।
कई शाखाएँ अपने-अपने क्षेत्रों में पुलिस और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं प्रशासनिक सेवाओं में लगे कर्मचारियों सहित जरूरतमन्दों के लिए भोजन, जलपान और चाय की सेवा कर रही हैं।
प्रधानमंत्री ने सराहना की
संत निरंकारी मिशन ने हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री राहतकोष में प्रत्येक को 50 लाख के साथ-साथ प्रधानमंत्री राहत कोष में पांच करोड़ रुपये का योगदान दिया है। सभी मुख्यमंत्रियों और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी ने अपने ट्वीट के माध्यम से मिशन के इन योगदानों की सराहना और प्रशंसा की है।
संत निरंकारीे चैरिटेबल फाउंडेशन ने संभाला मोर्चा
संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन द्वारा भी कई योगदान दिए जा रहे हैं। मिशन की यह सामाजिक कल्याण शाखा एक हेल्पलाइन के माध्यम से नागरिकों को चिकित्सा सलाह और सहायता प्रदान कर रही है। जिसमें मेदांता अस्पताल, गुरुग्राम सहित अन्य अस्पतालों के मेडिकोज के साथ मिशन के विभिन्न डॉक्टरों द्वारा भाग लिया जा रहा है।
संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन ने दिल्ली सरकार को 10,000 पीपीई किट भी दिए हैं। डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा के लिए। फाउंडेशन ने प्रवासी श्रमिकों को राशन आदि प्रदान करने का काम किया है।
संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन द्वारा चलाए जा रहे स्कूलों को कोरेंटिन केंद्र के रूप में रखा गया है। ग्लोबल मेडिकल इमरजेंसी के इस पल में रक्तदान करने के लिए भी फाउंडेशन आगे आया है ।
सत्संग भवनों में बनाए क्वारंटाइन केंद्र
संत निरंकारी मिशन ने अपने सत्संग भवनों को भी राज्य या केंद्र सरकार द्वारा जरूरत पड़ने पर क्वारंटाइन केंद्रों के रूप में उपलब्ध कराने की पेशकश की है। यमुना नगर भवन का उपयोग पहले से ही कोरेंटिन केंद्र के रूप में किया जा रहा है।