चंडीगढ़ (ब्यूरो): शिरोमणि अकाली दल के सुप्रीमो प्रकाश सिंह बादल की पंजाब और पंजाबियत के प्रति प्रतिबद्धता किसी से छिपी नहीं है। प्रकाश सिंह बादल ने अपनी सारी जिंदगी प्रदेश और प्रदेशवासियों को समर्पित कर दी।
सरदार बादल की उपलब्धियों को कैसे भी ब्यां किया जाए कम है। लेकिन इसी बीच पता चला है कि राज्य के पूर्व डिप्टी सी.एम., शिअद प्रधान और सरदार प्रकाश सिंह बादल के पुत्र सुखबीर बादल उनके जीवन पर किताब लिख रहे हैं।
इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी कि किताब में कई ऐसे अनछुए पहले सामने आएंगे, जो सिर्फ पुत्र यानिकि सुखबीर बादल ही जान सकते हैं।
पिता की जिंदगी पर लिखेंगे किताब
पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की जिंदगी पर आधारित एक किताब पर भी सुखबीर बादल काम कर रहे हैं। उनका कहना है कि मेरे पिता प्रकाश सिंह बादल अपने आप में यूनिवर्सिटी हैं।
उन्होंने अपनी जिंदगी में बहुत संघर्ष किया। सरपंची से लेकर पांच बार मुख्यमंत्री बनने तक के सफर के पीछे बहुत लंबी कहानी है।
लिखी जाने वाली किताब में उसको बयां किया जाएगा। इन दिनों मैं पुरानी फोटो निकालकर किताब के लिए एकत्र कर रहा हूं।
सुबह-शाम प्रभु का सिमरन
शिअद के प्रधान व पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल कर्फ्यू के दौरान ज्यादा समय धर्म और अध्यात्म को दे रहे हैं।
कोरोना महामारी के इस कठिन दौर में वह गांव बादल स्थित अपनी कोठी में हैं। वे सुबह- शाम दो-दो घंटे तक बैठकर जाप करते हैं। इसके अलावा गुरबाणी का श्रवण करते हैं।
उनका मानना है कि इस विपदा की घड़ी से सिर्फ परमात्मा ही जनता को निकाल सकते हैं। सुखबीर घर में रहकर भी मानसिक रूप से जनहित के कार्यों से जुड़े हैं।
सुखबीर बादल इस समय सुबह जल्दी उठ रहे हैं। सबसे पहले वह कोठी में सैर करते हैं। इसके बाद कसरत करते हैं। फिर नहाकर अपने घर में प्रकाश किए श्री गुरु ग्रंथ साहिब को माथा टेकते हैं।
इसके बाद वे करीब दो घंटे तक नितनेम का पाठ करते हैं। इसके अलावा सुबह-शाम प्रभु का सिमरन करते हैं।
पार्टी नेताओं को वीडियो कांफ्रेंसिंग से निर्देश
कोरोना वायरस के मद्देनजर लगे कर्फ्यू के कारण शिअद नेता अब उनके पास कोठी नहीं आ सकते हैं। ऐसे में सुखबीर सिंह बादल वीडियो कॉल के जरिये उनको दिशा-निर्देश दे रहे हैं।
वे नेताओं को कह रहे हैं कि वे जरूरतमंद लोगों से संपर्क बनाए रखें और उनकी जरूरतें पूरी करें। हर एक जरूरतमंद को बिना किसी भेदभाव के राशन पहुंचाएं।
हालात से मुझे लगातार अपडेट कराएं। अगर उनके स्तर पर समस्या का समाधान होता है तो वे करवाएं। यदि ऐसा नहीं है तो मैं राज्य व केंद्र सरकार से बात करके हल करवाऊंगा।
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