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New Delhi नई दिल्ली। (upi payments can be made using fingerprint and face) भारत में डिजिटल पेमेंट्स के अनुभव को एक नई ऊंचाई पर ले जाने की तैयारी पूरी हो गई है.

अब UPI यूजर्स को पेमेंट करते वक्त PIN डालने की जरूरत नहीं होगी.

इसके बजाय वे चेहरे की पहचान (Face Recognition) या फिंगरप्रिंट स्कैन (Fingerprint Scan) के जरिए ट्रांजैक्शन अप्रूव कर सकेंगे. यह सुविधा 8 अक्टूबर से पूरे देश में लागू हो जाएगी.

नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) इस फीचर को मुंबई में होने वाले ग्लोबल फिनटेक फेस्टिवल में लॉन्च करने जा रही है.

नई व्यवस्था भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के हालिया दिशानिर्देशों पर आधारित है, जिसमें डिजिटल पेमेंट्स के लिए वैकल्पिक ऑथेंटिकेशन की अनुमति दी गई है.

इसका मकसद है – पेमेंट्स को और तेज, आसान और ज्यादा सुरक्षित बनाना.

कैसे काम करेगा नया सिस्टम

नई सुविधा में पेमेंट की ऑथेंटिकेशन आधार से जुड़ी बायोमेट्रिक पहचान के जरिए होगी.

इसका मतलब है कि जब यूजर किसी ट्रांजैक्शन को अप्रूव करेगा, तो उसका चेहरा या फिंगरप्रिंट UIDAI के आधार डेटा से मैच किया जाएगा.

जैसे ही यह वेरिफिकेशन सफल होगा, पेमेंट अपने आप अप्रूव हो जाएगा.

अभी तक हर UPI ट्रांजैक्शन के लिए यूजर को 4 या 6 अंकों का PIN दर्ज करना पड़ता था.

लेकिन अब फेस स्कैन या फिंगरप्रिंट से यह प्रक्रिया एक सेकंड से भी कम समय में पूरी हो जाएगी.

RBI के दिशानिर्देशों के अनुरूप

RBI ने हाल ही में डिजिटल पेमेंट्स के लिए मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन को आसान बनाने के दिशा-निर्देश जारी किए थे.

इसके तहत बैंकों और फिनटेक कंपनियों को पारंपरिक PIN सिस्टम के अलावा बायोमेट्रिक या फेस-बेस्ड ऑथेंटिकेशन अपनाने की अनुमति दी गई है.

यह कदम डिजिटल पेमेंट्स में सुरक्षा बढ़ाने और धोखाधड़ी के जोखिम घटाने की दिशा में बड़ा सुधार माना जा रहा है.

धोखाधड़ी पर लगेगी रोक, सुरक्षा बढ़ेगी

फिनटेक विशेषज्ञों के अनुसार, चेहरा या फिंगरप्रिंट किसी भी अन्य व्यक्ति द्वारा कॉपी करना लगभग असंभव होता है.

इससे UPI ट्रांजैक्शन में धोखाधड़ी की संभावना काफी कम होगी.

NPCI और UIDAI ने डेटा गोपनीयता और सुरक्षा के लिए एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन और मल्टी-लेयर प्रोटोकॉल्स अपनाए हैं, ताकि बायोमेट्रिक डेटा किसी के साथ साझा न हो.

क्या होगा फायदा

  • PIN डालने की झंझट खत्म – ट्रांजैक्शन होगा सेकंडों में.

  • सुरक्षा स्तर बढ़ेगा – फेस और फिंगरप्रिंट से धोखाधड़ी की संभावना कम.

  • बेहतर यूजर एक्सपीरियंस – खासकर वरिष्ठ नागरिकों और ग्रामीण यूजर्स के लिए, जिन्हें PIN याद रखना मुश्किल होता है.

  • भविष्य के लिए तैयार प्लेटफॉर्म – यह बदलाव UPI को ग्लोबल स्टैंडर्ड पेमेंट सिस्टम्स की कतार में खड़ा करेगा.

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