Prabhat Times
New Delhi नई दिल्ली। (donald trump america canada tariffs mexico illegal immigration) डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के तुरंत बाद अपने पहले भाषण में ही पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया.
उसमें पनामा नहर वापस लेने की बात कहकर ट्रंप ने अपने शपथ ग्रहण के दिन ही विवाद पैदा करा दिया है.
साथ ही अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शपथ लेते ही अमेरिकी प्रशासन में व्यापक फेरबदल शुरू कर दिया है.
ट्रंप ने राष्ट्रपति बनने के बाद अपने पहले संबोधन में कहा है कि अमेरिका के ‘स्वर्ण युग’ का अवतरण आज से हो गया है. उन्होंने अमेरिका में थर्ड जेंडर को अमान्य घोषित कर दिया है.
अपने जोशीले उद्घाटन भाषण में 78 वर्षीय ट्रंप ने अगले चार वर्षों के लिए अपना विजन प्रस्तुत किया.
ट्रंप ने 20 जनवरी को अमेरिका के लिए “मुक्ति दिवस” की घोषणा की और कहा कि ‘अमेरिकी पतन’ का समय समाप्त हो गया है और वह “बहुत जल्दी” बदलाव लाएंगे.
ट्रंप ने कहा कि अमेरिका का स्वर्णिम युग अभी शुरू हो रहा है. इस दिन से हमारा देश फलेगा-फूलेगा और पूरी दुनिया में फिर से सम्मान प्राप्त करेगा.
ट्रम्प ने कहा कि वे ऐसा अमेरिका बनाएंगे जिससे दूसरे देशों को जलन होगी, अब हम लोग दूसरे देशों को फायदा नहीं उठाने देंगे.
आइए जानते हैं कि ट्रंप के 10 बड़े फैसले क्या हैं और इसका असर क्या हो सकता है.
1.WHO को गुडबाय
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बड़ा कदम लेते हुए अमेरिका को विश्व स्वास्थ्य संगठन से बाहर कर लिया है. अब अमेरिका WHO का सदस्य नहीं रह गया है.
इस फैसले की वजह से WHO पर भारी असर पड़ने वाला है. WHO को अमेरिका से मिलने वाली फंडिंग बंद हो जाएगी. इसका असर दुनिया भर में चल रही WHO की कई स्कीम पर पड़ने वाला है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को 2020 में COVID-19 महामारी के प्रति अपने रवैये के लिए ट्रम्प की तीखी आलोचना का सामना करना पड़ा था.
इसके अलावा ट्रंप ने कहा था कि अमेरिका से लगभग 300 गुनी ज्यादा बड़ी आबादी होने के बावजूद चीन WHO को अमेरिका के मुकाबले 90 गुना कम फंड देता है. ट्रंप ने इसे अनुचित बताया था.
डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को जलवायु परिवर्तन पर महत्वाकांक्षी पेरिस समझौते से भी हटने का फैसला किया है.
ट्रंप ने सोमवार को एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए, जो उनके चुनावी वादे को पूरा करता है. ट्रंप ने कहा, “मैं अनुचित एकतरफा पेरिस जलवायु समझौते से तुरंत हट रहा हूं.”
2. कनाडा-मेक्सिको पर 25% टैरिफ
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कार्यभार संभालते ही कनाडा और मेक्सिको की ओर नजरें टेढ़ी की है.
ट्रंप ने कहा है कि वे कनाडा और मेक्सिको पर 25 फीसदी टैरिफ लगा सकते हैं.
हालांकि ये फैसला लगभग 10 दिन बाद 1 फरवरी से लागू होगा. इस फैसले की वजह से कनाडा-मेक्सिको से अमेरिका आने वाले सामान पर बिजनेसमैन को 25 फीसदी टैक्स देना पड़ेगा.
अगर ट्रंप ये फैसला लागू करते हैं तो अमेरिका का अपने पड़ोसियों के साथ ट्रेड वॉर शुरू हो सकता है.
क्योंकि कनाडा भले ही कहा हो कि वो अमेरिका से सामान्य रिश्ते चाहता है लेकिन अगर ट्रंप टैरिफ बढ़ाते हैं तो कनाडा और मेक्सिको की सरकारों को भी यही कदम उठाना पड़ेगा.
3. नो थर्ड जेंडर, अमेरिका में सिर्फ स्त्री और पुरुष होंगे
राष्ट्रपति ट्रंप ने अमेरिकी समाज पर व्यापक असर डालने वाले एक फैसले के तहत देश में थर्ड जेंडर का कॉन्सेप्ट ही खत्म कर दिया है.
उन्होंने कहा है कि देश में सिर्फ दो ही जेंडर होंगे स्त्री और पुरुष. इस वजह से अमेरिका में थर्ड जेंडर को मिलने वाली सुविधाएं खत्म हो जाएंगी.
दरअसल अमेरिका में कई युवा प्रोपगेंडा से प्रभावित होकर अपना जेंडर बदल रहे थे. उद्योगपति एलन मस्क के बेटे ने भी ऐसा ही कदम उठाया था. इसके बाद ट्रंप ने इसे खत्म करने का वादा किया था.
4. फ्री स्पीच की पैरवी
अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति बनते ही ट्रंप ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की पैरवी की है. डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार को एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए,
जिसमें सरकारी एजेंसियों को अमेरिकियों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन न करने का निर्देश दिया गया.
कैपिटल वन एरिना में कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करने से पहले ट्रम्प ने कहा, “अमेरिका में हम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में विश्वास करते हैं और हम इसे एक औजार के रूप में इस्तेमाल करने से रोकने के लिए इससे जुड़ा आदेश आज से इसे वापस ला रहे हैं.”
उन्होंने कहा कि कार्यकारी आदेश का उद्देश्य फेडरल सरकार द्वारा अमेरिकी लोगों पर सेंसरशिप को तुरंत समाप्त करना है.
ट्रंप के एक्जीक्यूटिव आदेश में कहा गया है कि “गलत सूचना”, “दुष्प्रचार” और “दुर्भावनापूर्ण सूचना” से निपटने की आड़ में पूर्व की संघीय सरकार ने पूरे अमेरिका में अमेरिकी नागरिकों के संवैधानिक रूप से दिए गये अधिकारों का उल्लंघन है.
इसमें कहा गया है कि एक स्वतंत्र समाज में भाषण पर सरकारी सेंसरशिप असहनीय है.
5. BRICS को धमकी
राष्ट्रपति ट्रंप ने ब्रिक्स देशों के समूह को धमकी दी है और कहा है कि अगर ये समूह अमेरिका विरोधी नीतियां लाता है तो उन्हें भी परिणाम भुगतना पड़ेगा और वे खुश नहीं रह पाएंगे.
गौरतलब है कि ब्रिक्स में भारत भी शामिल है. ट्रंप ने कहा कि इन देशों ने अमेरिका के हितों के विपरित कई चीजें करने की कोशिश की,
अगर ये देश आगे भी ऐसा करते रहते हैं तो फिर उनके साथ जो होगा उसके बाद वे देश खुश नहीं रह पाएंगे.
बता दें कि ट्रंप पहले ब्रिक्स की ओर से एक अलग करेंसी लाने का विरोध कर चुके हैं.
ट्रंप की इस घोषणा के बाद ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका से उसके टकराव बढ़ सकते हैं.
6. टिकटॉक को 75 दिनों का जीवनदान
राष्ट्रपति ट्रम्प ने कार्यभार संभालते ही चीन से रिश्ते सुधारने की पहल की है.
उन्होंने शॉर्ट शेयरिंग वीडियो प्लेटफॉर्म टिकटॉक को 75 दिनों की मोहलत दी है.
इस बीच टिकटॉक को अमेरिकी नियमों का पालन करने के लिए जरूरी उपाय करने होंगे.
ट्रंप ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा, “मैं अटॉर्नी जनरल को निर्देश दे रहा हूं कि वे आज से 75 दिनों की अवधि के लिए अधिनियम को लागू करने के लिए कोई कार्रवाई न करें,
ताकि मेरे प्रशासन को व्यवस्थित तरीके से आगे बढ़ने का उचित तरीका निर्धारित करने का अवसर मिल सके,
जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा हो सके और साथ ही लाखों अमेरिकियों द्वारा उपयोग किए जाने वाले इस प्लेटफॉर्म को अचानक बंद होने से बचाया जा सके.”
ट्रंप ने कहा कि इस पीरियड में न्याय विभाग टिकटॉक होस्ट करने वाले प्लेटफॉर्म पर कोई कार्रवाई नहीं करेगा.
बता दें कि अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट ने टिकटॉक को बंद करने का आदेश दिया है.
7. रूस यूक्रेन युद्ध
लगभग दो सालों से रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे जंग पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि हम इस पर कोशिश कर रहे हैं और जल्द से जल्द से सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं.
ट्रंप ने कहा कि अगर मैं राष्ट्रपति होता तो यूक्रेन और रूस के बीच जंग शुरू ही नहीं होती.
ट्रंप के इस फैसले के बाद रूस-यूक्रेन जंग को खत्म करने पर नए सिरे से बात शुरू हो सकती है.
8. ‘हमें ग्रीनलैंड की जरूरत’
ग्रीनलैंड पर अमेरिकी कब्जे की चर्चाओं के बीच डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि ग्रीनलैड एक शानदार जगह है और हमें अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए इसकी ज़रूरत है.
मुझे यकीन है कि डेनमार्क भी साथ आएगा क्योंकि इसे बनाए रखने के लिए उन्हें बहुत ज़्यादा पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं. ग्रीनलैंड के लोग डेनमार्क से खुश नहीं हैं.
यह हमारे लिए नहीं, यह अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जरूरी है. आप देख रहे हैं कि हर जगह रूसी और चीनी नावें और युद्धपोत फैले हुए हैं.
ट्रंप की इस घोषणा से यूरोप और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ सकता है. अब देखना होगा कि ट्रंप अपने मंसूबे को अमली जामा पहनाने के लिए क्या क्या कदम उठाते हैं.
9. छह जनवरी के दोषियों को माफी
ट्रंप ने साल 2021 में 6 जनवरी को कैपिटल हिल पर चढ़ाई करने वाले रिपब्लिकन पार्टी के 1500 कार्यकर्ताओं को माफी दे दी है.
अब इन पर कोई मुकदमा नहीं चलेगा. 2020 में जब ट्रंप हार गये थे इस दौरान वाशिंगटन में काफी हिंसा हुई थी और ट्रंप के समर्थक अमेरिकी संसद कैपिटल हिल पर कब्जा करना चाहते थे.
10. मेक्सिको बॉर्डर पर इमरजेंसी
राष्ट्रपति ट्रंप ने अमेरिका के बॉर्डर को सीलबंद और सुरक्षित करने का फैसला किया है.
राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद अपने संबोधन में डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका की दक्षिणी सीमा पर नेशनल इमरजेंसी की घोषणा की.
बता दें कि अमेरिका की दक्षिणी सीमा मेक्सिको से लगती है.
अमेरिका को मेक्सिको बॉर्डर से बड़े पैमाने पर अवैध प्रवासियों के घुसपैठ का सामना करना पड़ता है.
अब इस बॉर्डर से घुसपैठ रोकने के लिए यहां सेना की तैनाती की गई है.
इस फैसले की वजह से अमेरिका में घुसने की कोशिश कर रहे घुसपैठियों का दाना-पानी बंद हो जाएगा. चुनाव के दौरान अमेरिक में घुसपैठ बड़ा मुद्दा बना था.
इसके अलावा ट्रंप ने एक ऐसे आदेश पर हस्ताक्षर किए जो संयुक्त राज्य अमेरिका में जन्मे लोगों को नागरिकता प्रदान करने वाली नीति को समाप्त कर देगा,
जिससे निश्चित रूप से एक लंबी अदालती लड़ाई शुरू हो जाएगी. इससे पहले अमेरिका में पैदा हुए बच्चे को नैचुरल रूप से अमेरिका की नागरिकता मिल जाती थी.
ट्रंप के एक अन्य कार्यकारी आदेश के बाद मैक्सिकन ड्रग कार्टेल को आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया गया है.
ट्रंप ने संघीय भर्तियों पर भी रोक लगा दी है और सरकारी कर्मचारियों को घर से काम करने के बजाय कार्यालय लौटने का आदेश दिया है.
उन्होंने “सरकारी दक्षता विभाग” बनाने के लिए कागजी कार्रवाई पर भी हस्ताक्षर किए, जो अरबपति एलन मस्क की अध्यक्षता में एक बाहरी सलाहकार बोर्ड है जिसका उद्देश्य सरकारी खर्च के बड़े हिस्से में कटौती करना है.
पनामा नहर हमारी है – ट्रंप
डोनाल्ड ट्रंप ने सत्ता की चाबी मिलते ही पूरी दुनिया को अपने तेवर भी दिखा दिए हैं.
चीन को चुनौती देते हुए कहा है कि पनामा नहर पर उसकी ताकत को खत्म कर देंगे, और पनामा नहर को वापस ले लेंगे.
डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि पनामा नहर से गुजरने के लिए अमेरिका के जहाजों से ज्यादा शुल्क लिया जा रहा है. जिसपर पनामा के राष्ट्रपति ने कड़ा विरोध जताया है.
पनामा नहर क्या है?
82 किलोमीटर लंबी पनामा नहर है, जो अटलांटिक महासागर और प्रशांत महासागर को जोड़ती है.
अमेरिका के लिए इस नहर का काफी महत्व है, क्योंकि अमेरिका का 14 फीसदी कारोबार पनामा नहर के जरिए होता है.
इसके साथ ही कई देश समुद्र व्यापार पनामा के जरिए ही करता है.
इतना ही नहीं, ये नहर कई देशों के समुद्री व्यापार में अहम भूमिका निभाती है और दुनिया का 6 फीसदी समुद्री व्यापार इसी नहर से होता है.
अभी किस के पास है पनामा नहर?
पनामा नहर का नियंत्रण अभी पनामा के पास है. इसका मैनेजमेंट पनामा कैनाल अथॉरिटी की ओर से किया जाता है.
पनामा के पास पूरी तरह से ये नहर साल 1999 में आई थी. इससे पहले इस पर अमेरिका का अधिकार था.
वैसे तो 1881 में फ्रांस ने इसे बनाना शुरू किया था और फिर 1904 से इस नहर को अमेरिका ने बनाया.
1914 में इस नहर को बना लिया गया और अमेरिका का ही इस पर नियंत्रण था और 1977 में इसे हैंडओवर करने का समझौते पर साइन किया गया.
फिर 1999 में ये नहर पूरी तरह से पनामा के पास चली गई.
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