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Chandigarh चंडीगढ़। (Mann government’s revolutionary step to increase farmers’ income) ऐसे समय में जब केंद्र सरकार किसानों के साथ आम सहमति बनाने में मुश्किलों का सामना कर रही है, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्य में किसानों की आय बढ़ाने के लिए क्रांतिकारी कदम उठाना जारी रखा है।

भगवंत मान सरकार बागवानी को एक लाभदायक उद्यम बनाने और फसल विविधीकरण के साथ-साथ किसानों की आय बढ़ाने के लिए बड़े कदम उठा रही है। इसके तहत बागवानी और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को बढ़ावा दिया जा रहा है।

इससे युवाओं के लिए रोजगार के रास्ते खुलेंगे। साथ ही सरकार रोजगार बचाने के लिए भी लगातार प्रयास कर रही है।

राज्य के 5 जिलों में बागवानी एस्टेट स्थापित करने के लिए काम शुरू कर दिया गया है।

पहले चरण में सरकार ने लुधियाना, फरीदकोट, पटियाला, बस्तर और गुरदासपुर जिलों में बागवानी एस्टेट को मंजूरी दी है।

इनमें से पंजाब सरकार की ओर से केवल तीन बागवानी एस्टेट के लिए बजट दिया गया है।

पंजाब सरकार ने इन सभी एस्टेट को बागवानी एस्टेट बना दिया है, जिससे पंजाब के किसानों की आय में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।

मान सरकार द्वारा बागवानी क्षेत्र को दोगुना करने और पंजाब के किसानों की मदद करने के प्रयास

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार राज्य में किसानों की आय बढ़ाने और फसल विविधता सुनिश्चित करने के लिए उल्लेखनीय कार्य कर रही है।

योजनाओं को लागू करने के लिए बागवानी विभाग द्वारा चलाए जा रहे उत्कृष्टता केंद्रों के माध्यम से राज्य के क्षेत्रफल को दोगुना करके बागवानी के अधीन लाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

बागवानी से संबंधित व्यावसायिक परियोजनाओं के लिए बनाई गई कृषि बुनियादी ढांचा निधि योजना के तहत 2500 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।

फूल उत्पादकों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के अलावा, बीज उत्पादन बढ़ाने, भंडारण श्रमिकों की कमी को पूरा करने, बीज बोने और फसल की कटाई के लिए केवल 2.5 एकड़ भूमि के लिए 35,000 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से सहायता दी जा रही है।

4 सब्जियों आलू, शिमला मिर्च, टमाटर और गोभी को विभेदक भुगतान योजना के अंतर्गत लाया जा रहा है ताकि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिल सके।

बागवानी के लिए इन्क्यूबेशन केंद्र

बागवानी को बढ़ावा देने के लिए इन एस्टेट में रोग मुक्त, उच्च गुणवत्ता वाले पौधे तैयार किए जाते हैं।

इन एस्टेट के अंतर्गत इनक्यूबेशन सेंटर और कस्टम हायरिंग सेंटर भी स्थापित किए गए हैं।

बागवानी एस्टेट के अंतर्गत इनक्यूबेशन सेंटर में ट्रैक्टर, रोटावेटर, स्प्रे पंप, पाउडर फीडर, फिल्टर, कल्टीवेटर, वाटर टैंकर, ट्रॉली, फर्टिलाइजर स्प्रेडर, लेवलर, लोडर, डिगर आदि मशीनरी शामिल हैं।

मशीन ऑपरेटरों के साथ मशीनरी भी उपलब्ध है। जानकारों के मुताबिक, गेहूं और धान की फसल चक्र से किसानों को बाहर निकालकर अधिक से अधिक किसानों को बागवानी फसलों के अंतर्गत लाने की योजना है।

पंजाब में गेहूं और धान की फसल उगाने में प्रति एकड़ करीब 40 लाख और 64 लाख लीटर पानी का इस्तेमाल होता है, जबकि 2014 में गेहूं और धान की फसल उगाने में करीब 1.5 लाख लीटर पानी प्रति एकड़ खर्च होता है।

बागवानी के लिए प्रति एकड़ केवल 17 लाख लीटर पानी का उपयोग किया जाता है इस तरह प्रति एकड़ 86 लाख लीटर पानी की बचत सुनिश्चित है।

 

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